तुलजा भवानी स्तोत्र एक प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्तोत्र है, जिसे विशेष रूप से माँ तुलजा भवानी की पूजा के दौरान पढ़ा जाता है। माँ तुलजा भवानी, जिन्हें जगत जननी और शक्ति की देवी के रूप में पूजा जाता है, उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने के लिए यह स्तोत्र अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह स्तोत्र हमें माँ की महिमा और उनके आशीर्वाद के महत्व को समझाता है।
माँ तुलजा भवानी कौन हैं?
माँ तुलजा भवानी एक प्रमुख हिन्दू देवी हैं, जो महाराष्ट्र, कर्नाटका और मध्य प्रदेश में अधिक पूजी जाती हैं। उन्हें दुर्गा का रूप माना जाता है और वे शक्ति, साहस, और विजय की देवी हैं। तुलजा भवानी मंदिर महाराष्ट्र के तुलजापुर में स्थित है और यहाँ हर साल लाखों भक्त माँ की पूजा करने आते हैं।
तुलजा भवानी स्तोत्र
तुलजा भवानी स्तोत्र में माँ तुलजा भवानी के विविध रूपों की महिमा का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र भक्तों को शक्ति, साहस, और मानसिक शांति प्रदान करता है। जब कोई भक्त इस स्तोत्र का पाठ करता है, तो उसे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है और वह अपनी समस्याओं का समाधान आसानी से पा सकता है।
॥ श्री तुलजा भवानी स्तोत्र ॥
नमोस्तु ते महादेवि शिवे कल्याणि शाम्भवि ।
प्रसीद वेदविनुते जगदम्ब नमोस्तुते ॥१॥
जगतामादिभूता त्वं जगत्त्वं जगदाश्रया ।
एकाऽप्यनेकरूपासि जगदम्ब नमोस्तुते ॥२॥
सृष्टिस्थितिविनाशानां हेतुभूते मुनिस्तुते ।
प्रसीद देवविनुते जगदम्ब नमोस्तुते ॥३॥
सर्वेश्वरि नमस्तुभ्यं सर्वसौभाग्यदायिनि ।
सर्वशक्तियुतेऽनन्ते जगदम्ब नमोस्तुते ॥४॥
विविधारिष्टशमनि त्रिविधोत्पातनाशिनि ।
प्रसीद देवि ललिते जगदम्ब नमोस्तुते ॥५॥
प्रसीद करुणासिन्धो त्वत्तः कारुणिका परा ।
यतो नास्ति महादेवि जगदम्ब नमोस्तुते ॥६॥
शत्रून् जहि जयं देहि सर्वान्कामांश्च देहि मे ।
भयं नाशय रोगांश्च जगदम्ब नमोस्तुते ॥७॥
जगदम्ब नमोऽस्तु ते हिते
जय शम्भोर्दयिते महामते ।
कुलदेवि नमोऽस्तु ते सदा
हृदि मे तिष्ठ यतोऽसि सर्वदा ॥८॥
तुलजापुरवासिन्या देव्याः स्तोत्रमिदं परम् ।
यः पठेत्प्रयतो भक्त्या सर्वान्कामान्स आप्नुयात् ॥९॥
इति श्रीमत्परमहंस परिव्राजकाचार्य श्रीवासुदेवानन्दसरस्वती विरचितं
श्री तुलजापुरवासिन्या देव्याः स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ।
यह स्तोत्र माँ के भक्तों के लिए एक प्रकार का सुरक्षा कवच बनकर उभरता है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि व्यक्ति की जीवन में आने वाली परेशानियाँ भी दूर होती हैं। इस स्तोत्र का जाप विशेष रूप से शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है, जिससे भक्तों को आत्मविश्वास मिलता है।
तुलजा भवानी स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
तुलजा भवानी स्तोत्र का पाठ सरल और प्रभावी तरीके से किया जा सकता है। यदि आप इसे घर में करना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि आपको माँ के सामने स्वच्छ स्थान पर बैठना होगा।
- सबसे पहले, माँ तुलजा भवानी का ध्यान करें और उनके सामने दीपक या अगरबत्ती जलाएं।
- फिर, पूरे श्रद्धा भाव से तुलजा भवानी स्तोत्र का पाठ करें।
- यह स्तोत्र प्रतिदिन 108 बार या फिर एक माला की संख्या में पढ़ें।
- पाठ के बाद माँ के समक्ष आशीर्वाद प्राप्त करें और उनके चरणों में मन से श्रद्धा व्यक्त करें।
तुलजा भवानी स्तोत्र का अर्थ
तुलजा भवानी स्तोत्र के श्लोकों में माँ के अद्वितीय रूप का वर्णन किया गया है। इस स्तोत्र के माध्यम से भक्त अपने जीवन में समृद्धि, शक्ति, और शांति की कामना करते हैं। इसे पढ़ते समय एकाग्रता बनाए रखना बहुत जरूरी है ताकि माँ का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
कुछ प्रमुख श्लोकों का अर्थ:
- “जया भवानी जय भवानी, तुजवर प्रेम है दिव्य रानी।”
- इस श्लोक में माँ तुलजा भवानी की जयकार की जाती है और उनके दिव्य प्रेम की बात की जाती है। भक्त यह प्रार्थना करते हैं कि उन्हें माँ के आशीर्वाद से सफलता और सुख प्राप्त हो।
- “तुलजा भवानी जय भवानी, दीनानाथ दीन को सुखी करने वाली।”
- यहाँ पर माँ तुलजा भवानी के उन रूपों का उल्लेख है, जो दुखियों के उद्धारक और उनके जीवन को सुखमय बनाते हैं।
तुलजा भवानी स्तोत्र का जाप और इसके लाभ
तुलजा भवानी स्तोत्र का जाप करने से कई प्रकार के लाभ होते हैं:
- मन की शांति: इस स्तोत्र का नियमित पाठ मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखता है।
- रोगों से मुक्ति: यह स्तोत्र शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और रोगों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
- साहस और आत्मविश्वास: इस स्तोत्र के जाप से व्यक्ति में साहस और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: इस स्तोत्र का जाप करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
निष्कर्ष
तुलजा भवानी स्तोत्र माँ तुलजा भवानी की शक्ति और आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है। इसके नियमित पाठ से न केवल भक्तों को मानसिक शांति मिलती है, बल्कि वे जीवन में आने वाली बाधाओं को पार करने में सक्षम हो पाते हैं। इस स्तोत्र के माध्यम से हम अपनी इच्छाओं की पूर्ति और जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
यदि आप भी माँ तुलजा भवानी के भक्त हैं, तो यह स्तोत्र आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। इसे नियमित रूप से पढ़ें और माँ के आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाएं।
जय तुलजा भवानी!
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