श्री तिरुपति बालाजी चालीसा (श्रीवेंकटेश्वर चालीसा) एक पवित्र भजन है जो भगवान वेंकटेश्वर, जिन्हें तिरुपति बालाजी के नाम से भी जाना जाता है, को समर्पित है। यह चालीसा 40 श्लोकों (चालीस) में बसा हुआ है, जो भगवान वेंकटेश्वर की महिमा का गुणगान करते हैं। इसे लाखों भक्तों द्वारा प्रार्थना और ध्यान के दौरान उच्चारित किया जाता है। इस लेख में हम श्री तिरुपति बालाजी चालीसा के महत्व, तिरुपति बालाजी चालीसा के बोल और तिरुपति बालाजी चालीसा पीडीएफ के बारे में विस्तार से जानेंगे।
श्री तिरुपति बालाजी चालीसा क्या है?
श्री तिरुपति बालाजी चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान वेंकटेश्वर की महिमा का गान करता है। इसमें कुल 40 श्लोक होते हैं, जो भक्तों को भगवान के गुण, रूप और शक्ति की याद दिलाते हैं। यह चालीसा भगवान वेंकटेश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करने और जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इस चालीसा का पाठ नियमित रूप से करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सुख आता है।
श्री तिरुपति बालाजी चालीसा का महत्व
तिरुपति बालाजी चालीसा का नियमित जाप करने के कई आध्यात्मिक लाभ होते हैं। इस चालीसा का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:
- आध्यात्मिक उन्नति: यह चालीसा व्यक्ति के मानसिक और आत्मिक शांति में वृद्धि करता है।
- इच्छाओं की पूर्ति: भक्तों का मानना है कि भगवान वेंकटेश्वर उनके सभी इच्छाओं और आकांक्षाओं को पूरा करते हैं।
- बुराई से रक्षा: यह चालीसा नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
- आत्मिक बल: यह मानसिक संतुलन और शांति में मदद करता है, जिससे व्यक्ति जीवन के कठिन संघर्षों का सामना धैर्य और साहस से कर पाता है।
श्री तिरुपति बालाजी चालीसा के बोल
नीचे श्री तिरुपति बालाजी चालीसा के बोल दिए गए हैं, जिन्हें आप पूरे दिल से गा सकते हैं। ये श्लोक भगवान वेंकटेश्वर के प्रति श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करते हैं:
॥ श्रीपद्मावती सहित श्रीनिवास परंब्रह्मणे नम: ॥
दोहा
रामानुज पदकमल का, मन में धर कर ध्यान।
श्रीनिवास भगवान का, करें विमल गुण गान ।।
तिरुपति की महिमा बड़ी, गाते वेद-पुरान ।
कलियुग में प्रत्यक्ष हैं, वेंकटेश भगवान ।।
चौपाई
जय श्रीवेंकटेश करुणा कर ।
श्रीनिवास स्वामी सुख सागर ।।
जय जय तिरुपति धाम निवासी ।
अखिल लोक स्वामी अविनाशी ।।
जय श्रीवेंकटेश भगवाना ।
करुणा सागर कृपा निधाना ।।
सप्तगिरि शेषाचल वासी ।
तिरुपति पर्वत शिखर निवासी ।।
श्री दर्शन महिमा अति भारी ।
आते नित लाखों नर नारी ।।
देव ऋषि गंधर्व जगाते ।
सुप्रभात सब मिल कर गाते ।।
सकल सृष्टि के प्राणी आवें ।
सुप्रभात शुभ दर्शन पावें ।।
विश्वरूप दर्शन सुखकारी ।
श्रीविग्रह की शोभा भारी ।।
वेद पुराण शास्त्र यश गावें ।
अति दुर्लभ दर्शन बतलावें ।।
जिन पर प्रभु कृपा करते हैं ।
उनको यह दर्शन मिलते हैं ।।
महा विष्णु श्रीमन्नारायण ।
भक्तों के कारज सारायण ।।
शेषाचल पर सदा विराजे ।
शंख चक्र कर सुन्दर साजे ।।
अभय हस्त की मुद्रा प्यारी ।
सफल कामना करती सारी ।।
वेंकटेश प्रभु तिरुपति बाला ।
शरणागत रक्षक प्रतिपाला ।।
श्रीवैकुण्ठ लोक निज तज कर ।
श्रीस्वामी पुष्करिणी तट पर ।।
भक्त कार्य करने को आये ।
कलियुग में प्रत्यक्ष कहाये ।।
स्वामी तीर्थ पुण्यप्रद पावन ।
स्नान मात्र सब पाप नशावन ।।
जो इसमें करते हैं स्नान ।
उनको मिलता पुण्य महान ।।
प्रथम यहां दर्शन अधिकारी ।
श्रीवराह स्वामी सुखकारी ।।
पहले दर्शन इनका करके ।
भू-वराह को प्रथम सुमिर के ।।
श्रीवेंकटेश चरण चित धरना ।
श्रीनिवास के दर्शन करना ।।
वेंकटेश सम इस कलियुग में ।
अन्य देव नहीं इस जग में ।।
पहले भी नहीं हुआ कहीं है ।
आगे हो यह सत्य नहीं है ।।
‘ओऽम्’ नम: श्रीवेंकटबाला ।
भक्तजनों के तुम रखवाला ।।
भक्त जहां अगणित नित आते ।
सोना चांदी नकद चढ़ाते ।।
श्रद्धा से कर हुण्डी सेवा ।
सेवा से पाते सब मेवा।।
श्रीनिवास की सुन्दर मूर्ति ।
मनोकामना करती पूर्ति ।।
दर्शन कर हर्षित सब तन मन ।
सुन्दर सुखद सुशोभित दर्शन ।।
दिव्य मधुर सुन्दर प्रसाद है ।
‘लड्डू’ अमृत दिव्य स्वाद है ।।
महाप्रसाद दिव्य जो पाते ।
उनके पाप सभी कट जाते ।।
महिमा अति प्रसाद की भारी ।
मिटती भव बाधायें सारी ।।
केशर-चंदन युत चरणामृत ।
दिव्य सुगन्धित प्रभु का तीरथ ।।
तीर्थ-प्रसाद भक्त जो पाते ।
आवागमन मुक्त हो जाते ।।
‘चौरासी’ में फिर नहीं आते।
जो प्रसाद ‘लड्डू’ का पाते ।।
सुख संपत्ति वांछित फल पावे ।
फिर वैकुण्ठ लोक में जावे ।।
‘वें’ का अर्थ पाप बतलाया ।
‘कट’ का अर्थ काट दे माया ।।
माया पाप काटने वाला ।
वेंकटेश प्रभु तिरुपति बाला ।।
श्रीनिवास विष्णु अवतारा ।
महिमा जानत है जग सारा ।।
जो यह श्री चालीसा गावे ।
सकल पदारथ जग के पावे ।।
शब्द पुष्प श्री चरण चढ़ाकर ।
करे प्रार्थना भक्त ‘गदाधर’ ।।
दोहा
जय जय श्रीतिरुपति-पति श्रीनिवास भगवान ।
करो सिद्ध सब कामना स्वामी कृपा निधान ।।
श्री तिरुपति बालाजी चालीसा पीडीएफ डाउनलोड
यदि आप श्री तिरुपति बालाजी चालीसा को सुविधाजनक रूप से पढ़ना चाहते हैं, तो हम आपको एक निःशुल्क पीडीएफ डाउनलोड की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप चालीसा का पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं:
[तिरुपति बालाजी चालीसा पीडीएफ डाउनलोड करें]
इस पीडीएफ में तिरुपति बालाजी चालीसा के बोल हिंदी में दिए गए हैं, साथ ही हर श्लोक का संक्षिप्त अर्थ भी है, ताकि आप भक्ति के साथ-साथ उसके महत्व को समझ सकें। इसे आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं या इसे प्रिंट कर उपयोग में ला सकते हैं।
श्री तिरुपति बालाजी चालीसा का जाप कैसे करें
- पवित्र स्थान तैयार करें: जाप करने से पहले, एक शांत और साफ स्थान चुनें। वहां दीपक (दीया) जलाएं, अगर संभव हो तो भगवान वेंकटेश्वर को फूल या प्रसाद अर्पित करें।
- मन को शांत करें: आंखें बंद करके गहरी श्वास लें और अपने मन को एकाग्र करें। भगवान बालाजी के बारे में सोचते हुए ध्यान लगाएं।
- भक्ति से जाप करें: चालीसा के श्लोकों को श्रद्धा और ध्यान के साथ उच्चारण करें। यदि आप चाहें तो 11 या 108 बार जाप कर सकते हैं, जो विशेष रूप से लाभकारी होता है।
- आभार के साथ समाप्त करें: जाप के बाद भगवान वेंकटेश्वर के प्रति आभार व्यक्त करें और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
निष्कर्ष: भगवान वेंकटेश्वर से जुड़ने का एक माध्यम
श्री तिरुपति बालाजी चालीसा केवल एक भक्ति गीत नहीं है, बल्कि यह एक शक्तिशाली साधन है जो आपके जीवन में शांति, समृद्धि और आशीर्वाद ला सकता है। चाहे आप भगवान वेंकटेश्वर से भौतिक आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हों या आध्यात्मिक उन्नति की कामना कर रहे हों, इस चालीसा का जाप आपकी जीवन यात्रा में सहायक हो सकता है।
तिरुपति बालाजी चालीसा पीडीएफ डाउनलोड करें, चालीसा के बोल याद करें और इसे अपनी दैनिक प्रार्थना में शामिल करें। भगवान वेंकटेश्वर आपके जीवन में आशीर्वाद और सुख भरें।
यह ब्लॉग पोस्ट उन सभी के लिए उपयोगी है जो श्री तिरुपति बालाजी चालीसा के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, चालीसा के बोल जानना चाहते हैं और एक पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं। इस पवित्र मंत्र का जाप करके आप भगवान वेंकटेश्वर के साथ अपने आध्यात्मिक संबंध को और गहरा बना सकते हैं।
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नमस्ते, मैं सिमरन, हिंदू प्राचीन इतिहास और संस्कृति की गहन अध्येता और लेखिका हूँ। मैंने इस क्षेत्र में वर्षों तक शोध किया है और अपने कार्यों के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किए हैं। मेरा उद्देश्य हिंदू धर्म के शास्त्रों, मंत्रों, और परंपराओं को प्रामाणिक और सरल तरीके से पाठकों तक पहुँचाना है। मेरे साथ जुड़ें और प्राचीन भारतीय ज्ञान की गहराई में उतरें।🚩🌸🙏