शिव चालीसा ,एक भक्तिमय स्तुति है जो भगवान शिव जी के भक्तो मे बहुत लोकप्रिय है। शिव चालीसा मे कुल 40 चौपाई होती है जिसमे भगवान शिव जी के विभिन्न गुणों, लीलाओं और महिमाओं का वर्णन किया गया है। शिव भक्त महादेव चालीसा का पाठ महादेव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए करते हैं।यह भक्तो को भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा मे बढ़ावा देता है। शिव जी की चालीसा का पाठ व्यक्ति को मानसिक शांति, आंतरिक शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करने मे सहायता करता है।इसका नियमित पाठ जीवन मे सकारात्मक परिवर्तन लाता है तथा भगवान शिव जी की कृपा से सारी समस्याओं का समाधान होता है।
महादेव चालीसा का पाठ भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा को प्रकट करने का एक सरल और प्रभावी साधन है, इससे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता और समृद्धि भी प्राप्त होती है।भगवान राम ने लंका पर विजय पाने से पहले भगवान शिव की पूजा की थी। इसके लिए उन्होंने शिवलिंग की स्थापना की और भोलेनाथ चालीसा का पाठ किया।अर्जुन ने भी भगवान शिव की पूजा की और उनसे पाशुपतास्त्र प्राप्त किया था।शिव चालीसा का उल्लेख शिव महापुराण में मिलता है, जहाँ भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया गया है।
इस पृष्ठ पर आपको शिव जी की चालीसा से जुड़ी और कई जानकारियां उपलब्ध कराई गई है जैसे शिव चालीसा इन हिंदी लिरिक्स,शिव चालीसा पीडीएफ आसान डाउनलोड होने वाले ,शिव चालीसा वीडियो, शिव चालीसा के फायदे तथा शिव चालीसा करने की सही विधि भी प्राप्त होगी।
शिव चालीसा लिरिक्स हिन्दी में (Shiv Chalisa lyrics in hindi)
।।दोहा।।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
।।चौपाई।।
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

शिव चालीसा कैसे पढ़ें (विधि)
शिव चालीसा का सही तरीके से पाठ करना बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसका उद्देश्य भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना है। यहां शिव चालीसा पढ़ने की विधि दी गई है, जिससे आप इसे सही तरीके से और अधिक प्रभावी रूप से पढ़ सकते हैं:
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समय का चुनाव: शिव चालीसा का पाठ विशेष रूप से सोमवार (सोमवार व्रत) या महाशिवरात्रि जैसे विशेष अवसरों पर किया जाता है। आप इसे किसी भी समय पढ़ सकते हैं, लेकिन सुबह या शाम का समय सर्वोत्तम होता है।
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साफ-सुथरी जगह पर बैठें: शिव चालीसा का पाठ एक शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर करें। मंदिर में या घर के पूजा स्थल पर यह पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। एक आसन पर बैठकर पाठ करना शुभ होता है।
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पूजा सामग्री: शिव चालीसा का पाठ करने से पहले भगवान शिव को जल, फूल, बिल्व पत्र, धूप और दीप अर्पित करें। साथ ही, अगर चाहें तो शिवलिंग का अभिषेक भी कर सकते हैं।
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ध्यान और मानसिक शांति: पाठ शुरू करने से पहले भगवान शिव का ध्यान करें और उनके चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करें। मानसिक रूप से शांत और केंद्रित रहना जरूरी है।
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समान रूप से पाठ करें: शिव चालीसा का पाठ दिन में एक बार या 108 बार माला से करें। आप अपनी सुविधा के अनुसार इसका जाप कर सकते हैं। अगर माला का उपयोग करें, तो प्रत्येक जाप में “ॐ नमः शिवाय” का उच्चारण करें और फिर चालीसा का पाठ पूरा करें।
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ध्यान से शब्दों का उच्चारण करें: शिव चालीसा के हर शब्द का उच्चारण सही और स्पष्ट रूप से करें। यदि आप इसका सही उच्चारण नहीं जानते, तो आप शिव चालीसा का वीडियो या ऑडियो सुनकर उसे सही तरीके से सीख सकते हैं।
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अंत में प्रार्थना करें: पाठ समाप्त करने के बाद भगवान शिव से अपनी इच्छाओं को व्यक्त करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें। “ॐ नमः शिवाय” का मंत्र 3 बार जपें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना करें।
शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से जीवन में शांति, समृद्धि और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है। यह विधि सरल है, लेकिन इसके प्रभाव को समझकर इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए।
शिव चालीसा हिंदी में pdf (Shiv chalisa pdf in Hindi)
हमारे ब्लॉग पोस्ट पर “शिव चालीसा हिंदी में PDF” डाउनलोड करने का एक शानदार अवसर है। यदि आप भगवान शिव की उपासना करना चाहते हैं, तो इस पवित्र शिव चालीसा को हमारी वेबसाइट से मुफ्त में डाउनलोड करें। हम आपको एक PDF फाइल प्रदान कर रहे हैं, जिसे आप आसानी से अपनी डिवाइस पर डाउनलोड कर सकते हैं और भगवान शिव की महिमा का गायन कर सकते हैं। इस शिव चालीसा का नियमित पाठ आपके जीवन में शांति, समृद्धि और आशीर्वाद लेकर आएगा। डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस दिव्य पाठ का लाभ उठाएं।
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शिव चालीसा विडियो (Shiv Chalisa video)
शिव चालीसा का सही उच्चारण और भक्तिपूर्वक पाठ करना बहुत महत्वपूर्ण होता है, और इसके लिए वीडियो एक शानदार माध्यम साबित हो सकता है। हमने इस पोस्ट में शिव चालीसा का एक वीडियो भी शामिल किया है, जिसे आप आसानी से देख सकते हैं। यह वीडियो विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो शिव चालीसा का पाठ सही तरीके से सीखना चाहते हैं।
शिव चालीसा पाठ के फायदे (Shiv Chalisa benefits)
शंकर जी की चालीसा का पाठ किसी भी दिन और किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन इसे सोमवार के दिन या शिवरात्रि पर विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है। महादेव चालीसा के पाठ से भगवान शिव की महिमा और उनके अद्भुत गुणों का अनुभव किया जा सकता है।सावन माह मे रोज नियमित रूप से इसका पाठ करने से सभी रुके काम पूरे हो जाते है।
आध्यात्मिक शांति: शिव जी की चालीसा का नियमित पाठ करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
संकटों का निवारण: इसे पढ़ने से जीवन के विभिन्न संकटों और बाधाओं का निवारण और कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति आती है।
स्वास्थ्य लाभ: भोलेनाथ जी की चालीसा का पाठ करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
भगवान शिव की कृपा: यह माना जाता है कि शिव चालीसा का पाठ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में सुख-समृद्धि लाती है। शिव चालीसा का पाठ करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
भक्ति और समर्पण: शिव जी की चालीसा का पाठ करने से भक्ति और भगवान शिव के प्रति समर्पण में वृद्धि होती है।
कार्यक्षेत्र में सफलता: शिव जी की चालीसा का पाठ करने से कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। जो लोग नौकरी या व्यवसाय में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह पाठ लाभकारी है।
पापों का नाश: महादेव चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वास्तु दोष निवारण: घर में शिव चालीसा का पाठ करने से वास्तु दोष समाप्त होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
विवाह में बाधा: जिन लोगों के विवाह में बाधाएं आती हैं, उनके लिए भी शंकर चालीसा का पाठ लाभकारी माना जाता है।
कार्य सिद्धि: शिव चालीसा का पाठ करने से अधूरे कार्य पूर्ण होते हैं और व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है।
ध्वनि और कंपन: शिव चालीसा के पाठ से उत्पन्न ध्वनि और कंपन वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं। इससे मानसिक शांति और एकाग्रता में वृद्धि होती है।
मनोवैज्ञानिक लाभ: शिव चालीसा का पाठ करने से तनाव, चिंता, और अवसाद जैसे मानसिक विकारों से मुक्ति मिलती है। यह एक प्रकार का मानसिक ध्यान भी है।
शिव चालीसा का पाठ करने की विधि (How to chant Shiv Chalisa)
विशेष अवसर: महाशिवरात्रि, श्रावण मास, और सोमवार के दिन शिव चालीसा का पाठ विशेष फलदायी माना जाता है।
पूजा सामग्री: पूजा के लिए दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, और फूलों का उपयोग किया जाता है।
संकल्प: पाठ शुरू करने से पहले संकल्प लें कि आप भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शिव चालीसा का पाठ कर रहे हैं।
शिवलिंग अभिषेक: पाठ के दौरान शिवलिंग का अभिषेक करना अति शुभ माना जाता है। जल, दूध, और शहद से अभिषेक करें।
मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए शिव चालीसा का पाठ करें। इससे पाठ का प्रभाव और बढ़ जाता है।
आरती: शिव चालीसा का पाठ करने के उपरांत शिव आरती भी की जाती है। एक घी का दिया और धूप जला कर महादेव की आरती करे ।
शुद्ध उच्चारण: शिव चालीसा का उच्चारण सही और स्पष्ट होना चाहिए। गलत उच्चारण से अर्थ का अनर्थ हो सकता है।
ध्यान और साधना: शिव चालीसा का पाठ करते समय भगवान शिव का ध्यान करें और मन को शांत रखें। इससे पाठ का प्रभाव अधिक होता है।
समर्पण: पाठ करते समय पूर्ण समर्पण और श्रद्धा बनाए रखें। यह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है।
FAQs शिव चालीसा से जुड़े सवाल और जवाब
1. शिव चालीसा क्या है?
शिव चालीसा भगवान शिव की महिमा का बखान करने वाला एक प्रमुख धार्मिक पाठ है। इसे विशेष रूप से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। यह 40 श्लोकों में विभाजित होता है, जो भगवान शिव के गुणों, शक्तियों और उनके भक्तों के प्रति प्रेम को दर्शाते हैं।
2. क्या शिव चालीसा का पाठ रोज़ करना चाहिए?
हां, शिव चालीसा का नियमित पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसे विशेष रूप से सोमवार के दिन (सोमवार व्रत) पढ़ने से अधिक आशीर्वाद मिलता है। आप इसे रोज़ पढ़ सकते हैं, या फिर सप्ताह में एक या दो बार भी कर सकते हैं।
3. शिव चालीसा के क्या लाभ होते हैं?
शिव चालीसा का नियमित पाठ मानसिक शांति, समृद्धि, और भगवान शिव का आशीर्वाद दिलाने में मदद करता है। यह जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने, भय और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने में सहायक है। इसके अलावा, यह स्वास्थ्य में सुधार और समृद्धि का कारण बनता है।
4. क्या मैं शिव चालीसा का वीडियो देख सकता हूँ?
हां, इस पोस्ट में हमने शिव चालीसा का एक वीडियो भी शामिल किया है, जिसे आप आसानी से देख सकते हैं। इस वीडियो में सही उच्चारण और भावनाओं के साथ शिव चालीसा का पाठ किया गया है, जिससे आपको इसे सही तरीके से सीखने में मदद मिलेगी।
5. शिव चालीसा का PDF कैसे डाउनलोड करें?
आप हमारी वेबसाइट पर दिए गए लिंक से शिव चालीसा का PDF डाउनलोड कर सकते हैं। इसे डाउनलोड करने के बाद, आप इसे अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर रख सकते हैं और कभी भी, कहीं भी इसे पढ़ सकते हैं।
6. शिव चालीसा के पाठ में कितने समय का अंतराल होना चाहिए?
शिव चालीसा का पाठ एक बार में किया जाता है, और इसके जाप में समय की कोई विशेष सीमा नहीं होती। यदि आप इसे माला से जाप करते हैं, तो इसे 108 बार करना आदर्श है। अन्यथा, आप इसे जितनी बार चाहें, उतनी बार पढ़ सकते हैं।
7. क्या शिव चालीसा का पाठ करने से कोई विशेष प्रभाव पड़ता है?
हां, शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। यह मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सफलता के रास्ते खोलता है। भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की कठिनाइयों का समाधान भी मिलता है।
8. क्या मुझे शिव चालीसा का पाठ विशेष दिनों पर ही करना चाहिए?
हालांकि शिव चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन सोमवार (सोमवार व्रत) और महाशिवरात्रि जैसे विशेष अवसरों पर इसका पाठ विशेष महत्व रखता है। इन दिनों शिव की उपासना अधिक फलदायी मानी जाती है।
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नमस्ते, मैं सिमरन, हिंदू प्राचीन इतिहास और संस्कृति की गहन अध्येता और लेखिका हूँ। मैंने इस क्षेत्र में वर्षों तक शोध किया है और अपने कार्यों के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किए हैं। मेरा उद्देश्य हिंदू धर्म के शास्त्रों, मंत्रों, और परंपराओं को प्रामाणिक और सरल तरीके से पाठकों तक पहुँचाना है। मेरे साथ जुड़ें और प्राचीन भारतीय ज्ञान की गहराई में उतरें।🚩🌸🙏