शनि महाराज को कौन नहीं जानता, शनि देव जी से तो हर कोई डरता है और पूरी निष्ठा से पूजा करता है। हमारे टीवी सीरियल और फिल्मों में जैसे मर्जी शनि देव को दिखाया गया है, असलियत में जो शनि देव को पूजता है और हर शनिवार तेल चढ़ाता है वह हमेशा खुश रहता है। एवं उसकी सभी परेशानियां दूर रहती है। आईए इस पेज पर हम शनि चालीसा लिरिक्स यानी पाठ कर बोल पर रोशनी डालते हैं और आपको शनि चालीसा से जुड़ी सब जानकारी देते हैं।
शनि चालीसा लिरिक्स में भगवान शनि देव कि हर एक खासियत और गुणों के बारे में बताया गया है। हमने भी जब पहली बार इस चालीसा का अर्थ ध्यान से समझा तो हमें पता चला कि शनि देव कितने दयालु है। शनि चालीसा का पाठ ही हमारे जीवन के कई सारे परेशानियों को दूर रख सकता है। नीचे दी गई शनि चालीसा लिरिक्स को आप भी अच्छे से पढ़े और चाहे तो शनि चालीसा लिरिक्स pdf प्रिंट करके रख लें ताकि
जब चाहे बिना इंटरनेट के भी आप शनि चालीसा के लिरिक्स याद कर सकें।
शनि चालीसा लिरिक्स हिन्दू किताबों के अनुसार
हिंदू परंपरा में, शनि चालीसा भगवान शनि (शनि) को समर्पित एक शक्तिशाली भजन है, जिन्हें न्याय और कर्म के देवता के रूप में जाना जाता है। एक शिक्षक के रूप में, मैं आपको शनि चालीसा पढ़ने के तरीके, शनि चालीसा लिरिक्स का पाठ करने के लिए सबसे अच्छा दिन, गहन लाभ और उन प्रथाओं के बारे में मार्गदर्शन करने के लिए यहां हूं जो इस भजन को आध्यात्मिक विकास के लिए एक मूल्यवान उपकरण बनाते हैं।
शनि चालीसा लिरिक्स: इसका अर्थ और संरचना को समझना
शनि चालीसा भगवान शनि की स्तुति में चालीस छंदों से बना है, जो उनके गुणों और प्रभाव का गुणगान करता है। इन गीतों को पढ़ने और समझने से शनि देव के साथ गहरा संबंध बन सकता है, जो भगवान शनिदेव के सबसे प्रिय हैं।
शनि चालीसा लिरिक्स (हिन्दी में)
शनि चालीसा के बोल भगवान शनि की भूमिका का विस्तृत वर्णन प्रदान करते हैं, जो कर्म मार्गदर्शक के रूप में हमें कठिनाइयों पर काबू पाने में मदद करते हुए ईमानदारी और कड़ी मेहनत को पुरस्कृत करते हैं।
।।दोहा।।
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करन कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥
।।चौपाई।।
जयति जयति शनिदेव दयाला।करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥
परम विशाल मनोहर भाला।टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके।हिय माल मुक्तन मणि दमके॥
कर में गदा त्रिशूल कुठारा।पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥
पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन।यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥
सौरी, मन्द, शनी, दश नामा।भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥
जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं।रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥
पर्वतहू तृण होई निहारत।तृणहू को पर्वत करि डारत॥
राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो।कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥
बनहूँ में मृग कपट दिखाई।मातु जानकी गई चुराई॥
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।मचिगा दल में हाहाकारा॥
रावण की गति-मति बौराई।रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥
दियो कीट करि कंचन लंका।बजि बजरंग बीर की डंका॥
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।चित्र मयूर निगलि गै हारा॥
हार नौलखा लाग्यो चोरी।हाथ पैर डरवायो तोरी॥
भारी दशा निकृष्ट दिखायो।तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥
विनय राग दीपक महं कीन्हयों।तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी।आपहुं भरे डोम घर पानी॥
तैसे नल पर दशा सिरानी।भूंजी-मीन कूद गई पानी॥
श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई।पारवती को सती कराई॥
तनिक विलोकत ही करि रीसा।नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी।बची द्रौपदी होति उघारी॥
कौरव के भी गति मति मारयो।युद्ध महाभारत करि डारयो॥
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला।लेकर कूदि परयो पाताला॥
शेष देव-लखि विनती लाई।रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥
वाहन प्रभु के सात सुजाना।जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥
जम्बुक सिंह आदि नख धारी।सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥
गर्दभ हानि करै बहु काजा।सिंह सिद्धकर राज समाजा॥
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।चोरी आदि होय डर भारी॥
तैसहि चारि चरण यह नामा।स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥
समता ताम्र रजत शुभकारी।स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥
जो यह शनि चरित्र नित गावै।कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥
अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई।विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।दीप दान दै बहु सुख पावत॥
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥
।।दोहा।।
पाठ शनिश्चर देव को, की हों ‘भक्त’ तैयार।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥
शनि चालीसा लिरिक्स पीडीएफ डाउनलोड (Shani Chalisa pdf download)
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शनि चालीसा वीडियो(Shani Chalisa Video)
शनि चालीसा पाठ करने का सबसे अच्छा दिन और समय
शनि चालीसा का पाठ करने के लिए सही दिन और समय को समझना इसके लाभों को अधिकतम करने के लिए आवश्यक है। चूँकि शनिदेव शनिवार के स्वामी हैं, इसलिए यह पाठ के लिए आदर्श दिन है। यहाँ बताया गया है कि आप कैसे कर सकते हैं
दिन: शनि चालीसा लिरिक्स का पाठ करने के लिए शनिवार सबसे शुभ दिन है, क्योंकि यह भगवान शनि को समर्पित है।
समय: सबसे अच्छा समय सुबह सूर्योदय के समय या शाम को सूर्यास्त के समय है, क्योंकि ये शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली समय हैं।
शनि चालीसा लिरिक्स को कैसे पढ़े: चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका
1. स्थान तैयार करें: जिस स्थान पर आप पाठ करने की योजना बना रहे हैं, उसे साफ करके शुरुआत करें। कई भक्त भगवान शनि देव की छवि या मूर्ति के साथ एक छोटी वेदी स्थापित करते हैं।
2. व्यक्तिगत तैयारी: प्रार्थना के प्रति सम्मान दिखाने के लिए स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। शनिदेव से जुड़ने के लिए शरीर और मन की पवित्रता महत्वपूर्ण मानी जाती है।
3. शनि देव को अर्पित करें: तिल के तेल का दीया जलाएं, क्योंकि यह शनि के लिए पवित्र है। आप भगवान शनि से जुड़ी वस्तुएं काले तिल, काले चने या नीले फूल भी चढ़ा सकते हैं।
4. ध्यानपूर्वक धीरे-धीरे पढ़ें: शनि चालीसा लिरिक्स के प्रत्येक श्लोक को भक्ति और ध्यानपूर्वक पढ़ें। शब्दों और उनके अर्थ पर ध्यान केंद्रित करें, अपने चारों ओर भगवान शनि की सुरक्षात्मक ऊर्जा की कल्पना करें।
5. पाठ आवृत्ति: शनि चालीसा लिरिक्स का एक बार, तीन बार या ग्यारह बार पाठ करें। कुछ लोग विशेष उद्देश्यों के लिए 108 बार पाठ करते हैं, लेकिन इस स्तर की भक्ति की आवश्यकता नहीं है।
शनि चालीसा के नियमित पाठ के लाभ
शनि चालीसा लिरिक्स का पाठ करने से कई लाभ मिलते हैं। जानिए यह आपके जीवन पर किस तरह सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है:
1. शनि के प्रतिकूल प्रभाव को कम करता है
नियमित पाठ करने से व्यक्ति के ज्योतिषीय चार्ट में शनि (शनि) के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है, खासकर शनि साढ़े साती या शनि महा जैसे कठिन समय के दौरान
2. मानसिक और भावनात्मक शक्ति को बढ़ावा देता है
शनि देव को धैर्य और लचीलापन जैसे गुणों से जोड़ा जाता है। शनि चालीसा का पाठ करने से ये गुण विकसित होते हैं, जिससे आपको जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है
3. नकारात्मकता और नुकसान से बचाता है
शनि चालीसा लिरिक्स का जाप करने से दुर्घटनाओं, नकारात्मक ऊर्जाओं और दुर्भाग्य से सुरक्षा मिलती है, और शनि देव का सुरक्षात्मक आशीर्वाद आपको घेरे रहता है
4. वित्तीय स्थिरता और करियर विकास में सुधार करता है
कर्म के स्वामी के रूप में भगवान शनि कड़ी मेहनत और अनुशासन का आशीर्वाद देते हैं, जिससे उनके भक्तों को वित्तीय स्थिरता, करियर में प्रगति और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
5. स्वास्थ्य समस्याओं पर काबू पाने में सहायक
शनि देव का प्रभाव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है, खास तौर पर हड्डियों और नसों से। शनि चालीसा लिरिक्स का नियमित पाठ करने से स्वास्थ्य समस्याओं पर काबू पाने में मदद मिल सकती है।
6. भक्ति और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है
शनि चालीसा लिरिक्स का पाठ करने से विनम्रता, समर्पण और ईश्वरीय इच्छा के प्रति समर्पण को बढ़ावा मिलता है, जिससे व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से विकसित होने और कर्मों को संतुलित करने में मदद मिलती है।
7. चिंता से राहत दिलाता है और मन को शांति प्रदान करता है
शनि चालीसा लिरिक्स का पाठ करने से मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जा मन को शांत कर सकती है और तनाव को कम कर सकती है, जिससे शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलता है।
अधिक लाभ के लिए अतिरिक्त अभ्यास
एक समृद्ध अनुभव के लिए, शनि चालीसा लिरिक्स के अपने पाठ को इन अतिरिक्त अभ्यासों के साथ जोड़ें:
1. पाठ करने के बाद ध्यान करें, धैर्य, लचीलापन और शक्ति पर ध्यान केंद्रित करें।
2. दान: शनि की कृपा पाने के लिए शनिवार को काले तिल, काले कपड़े या भोजन का दान करें।
शनि चालीसा लिरिक्स के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या मैं शनिवार के अलावा किसी अन्य दिन शनि चालीसा के लिरिक्स का पाठ कर सकता हूँ?
हाँ, हालाँकि शनिवार सबसे शक्तिशाली दिन है, लेकिन शनि देव का आशीर्वाद पाने के लिए शनि चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है।
2. क्या शनि चालीसा के लिरिक्स को पढ़ने के लिए कोई निश्चित संख्या है?
आप इसे एक बार, तीन बार या 108 बार भी पढ़ सकते हैं, यह आपकी इच्छा पर निर्भर करता है। हालाँकि, एक बार पूरा पाठ करना ही शुभ फल पाने के लिए पर्याप्त है।
निष्कर्ष
शनि चालीसा लिरिक्स का नियमित रूप से पाठ करना, खास तौर पर शनिवार को, सुरक्षा, लचीलापन और आध्यात्मिक विकास के लिए शनि देव का आशीर्वाद पाने का एक शक्तिशाली तरीका है।. शनि चालीसा का ध्यान और भक्ति के साथ जाप करके, आप अनुशासन और दृढ़ता की ऊर्जा से जुड़ सकते हैं जिसका प्रतीक शनि देव हैं। इस खूबसूरत भजन को अपने आध्यात्मिक जीवन का हिस्सा बनाइए।
भगवान शनि आपका मार्गदर्शन करें तथा शक्ति और बुद्धि के साथ सभी चुनौतियों पर विजय पाने में आपकी सहायता करें!
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नमस्ते, मैं सिमरन, हिंदू प्राचीन इतिहास और संस्कृति की गहन अध्येता और लेखिका हूँ। मैंने इस क्षेत्र में वर्षों तक शोध किया है और अपने कार्यों के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किए हैं। मेरा उद्देश्य हिंदू धर्म के शास्त्रों, मंत्रों, और परंपराओं को प्रामाणिक और सरल तरीके से पाठकों तक पहुँचाना है। मेरे साथ जुड़ें और प्राचीन भारतीय ज्ञान की गहराई में उतरें।🚩🌸🙏