सरस्वती माता को विद्या, ज्ञान और संगीत की देवी माना जाता है। हिन्दू धर्म में मां सरस्वती का विशेष स्थान है। कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के समय जब संसार में अज्ञानता और अंधकार फैला हुआ था, तब उन्होंने अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे एक दिव्य नारी का प्रकट हुआ। यही देवी सरस्वती थीं, जिनके हाथों में वीणा, पुस्तक, माला और कमंडल था।
मां सरस्वती को श्वेत वस्त्रधारी, हंस पर सवार और वीणा वादन करती हुई दर्शाया जाता है। मां सरस्वती की कृपा से व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, विवेक और बुद्धि का संचार होता है। विद्यार्थी, कलाकार और विद्वान लोग विशेष रूप से मां सरस्वती की आराधना करते हैं। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा होती है।
सरस्वती चालीसा लिरिक्स हिन्दी में (Saraswati Chalisa lyrics in Hindi)
॥ दोहा ॥
जनक जननि पद कमल रज,निज मस्तक पर धारि।
बन्दौं मातु सरस्वती,बुद्धि बल दे दातारि॥
पूर्ण जगत में व्याप्त तव,महिमा अमित अनंतु।
रामसागर के पाप को,मातु तुही अब हन्तु॥
॥ चौपाई ॥
जय श्री सकल बुद्धि बलरासी।जय सर्वज्ञ अमर अविनासी॥
जय जय जय वीणाकर धारी।करती सदा सुहंस सवारी॥
रूप चतुर्भुजधारी माता।सकल विश्व अन्दर विख्याता॥
जग में पाप बुद्धि जब होती।जबहि धर्म की फीकी ज्योती॥
तबहि मातु ले निज अवतारा।पाप हीन करती महि तारा॥
बाल्मीकि जी थे बहम ज्ञानी।तव प्रसाद जानै संसारा॥
रामायण जो रचे बनाई।आदि कवी की पदवी पाई॥
कालिदास जो भये विख्याता।तेरी कृपा दृष्टि से माता॥
तुलसी सूर आदि विद्धाना।भये और जो ज्ञानी नाना॥
तिन्हहिं न और रहेउ अवलम्बा।केवल कृपा आपकी अम्बा॥
करहु कृपा सोइ मातु भवानी।दुखित दीन निज दासहि जानी॥
पुत्र करै अपराध बहूता।तेहि न धरइ चित सुन्दर माता॥
राखु लाज जननी अब मेरी।विनय करूं बहु भाँति घनेरी॥
मैं अनाथ तेरी अवलंबा।कृपा करउ जय जय जगदंबा॥
मधु कैटभ जो अति बलवाना।बाहुयुद्ध विष्णू ते ठाना॥
समर हजार पांच में घोरा।फिर भी मुख उनसे नहिं मोरा॥
मातु सहाय भई तेहि काला।बुद्धि विपरीत करी खलहाला॥
तेहि ते मृत्यु भई खल केरी।पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥
चंड मुण्ड जो थे विख्याता।छण महुं संहारेउ तेहि माता॥
रक्तबीज से समरथ पापी।सुर-मुनि हृदय धरा सब कांपी॥
काटेउ सिर जिम कदली खम्बा।बार बार बिनवउं जगदंबा॥
जग प्रसिद्ध जो शुंभ निशुंभा।छिन में बधे ताहि तू अम्बा॥
भरत-मातु बुधि फेरेउ जाई।रामचन्द्र बनवास कराई॥
एहि विधि रावन वध तुम कीन्हा।सुर नर मुनि सब कहुं सुख दीन्हा॥
को समरथ तव यश गुन गाना।निगम अनादि अनंत बखाना॥
विष्णु रूद्र अज सकहिं न मारी।जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥
रक्त दन्तिका और शताक्षी।नाम अपार है दानव भक्षी॥
दुर्गम काज धरा पर कीन्हा।दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥
दुर्ग आदि हरनी तू माता।कृपा करहु जब जब सुखदाता॥
नृप कोपित जो मारन चाहै।कानन में घेरे मृग नाहै॥
सागर मध्य पोत के भंगे।अति तूफान नहिं कोऊ संगे॥
भूत प्रेत बाधा या दुःख में।हो दरिद्र अथवा संकट में॥
नाम जपे मंगल सब होई।संशय इसमें करइ न कोई॥
पुत्रहीन जो आतुर भाई।सबै छांड़ि पूजें एहि माई॥
करै पाठ नित यह चालीसा।होय पुत्र सुन्दर गुण ईसा॥
धूपादिक नैवेद्य चढावै।संकट रहित अवश्य हो जावै॥
भक्ति मातु की करै हमेशा।निकट न आवै ताहि कलेशा॥
बंदी पाठ करें शत बारा।बंदी पाश दूर हो सारा॥
करहु कृपा भवमुक्ति भवानी।मो कहं दास सदा निज जानी॥
॥ दोहा ॥
माता सूरज कान्ति तव,अंधकार मम रूप।
डूबन ते रक्षा करहु,परूं न मैं भव-कूप॥
बल बुद्धि विद्या देहुं मोहि,सुनहु सरस्वति मातु।
अधम रामसागरहिं तुम,आश्रय देउ पुनातु॥
सरस्वती चालीसा कैसे पढ़ें (विधि)
सरस्वती चालीसा का पाठ करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। एक साफ और शांत स्थान पर सफेद आसन पर बैठें। मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं। पूजा के लिए सफेद फूल, सफेद मिठाई और चंदन का उपयोग करें। ध्यान केंद्रित करते हुए सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
पाठ की विधि:
- सबसे पहले गणेश वंदना करें।
- मां सरस्वती के चरणों में सफेद फूल अर्पित करें।
- चालीसा का पाठ करते समय अपनी पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ ध्यान लगाएं।
- पाठ के बाद मां सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करें।
सरस्वती चालीसा हिंदी में pdf (Saraswati Chalisa pdf in Hindi)
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सरस्वती चालीसा विडियो (Saraswati Chalisa video)
सरस्वती चालीसा का पाठ विद्या, बुद्धि और ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की कृपा प्राप्त करने का सरल और प्रभावशाली माध्यम है। यदि आप सही उच्चारण और लय के साथ सरस्वती चालीसा का पाठ करना सीखना चाहते हैं या इसे सुनकर मानसिक शांति और एकाग्रता प्राप्त करना चाहते हैं, तो सरस्वती चालीसा वीडियो एक उत्तम साधन है। इस वीडियो में माँ सरस्वती की स्तुति के सुंदर शब्द, मधुर संगीत और शुद्ध उच्चारण के साथ चालीसा का पाठ किया गया है, जिससे मन को गहरी शांति और आध्यात्मिक बल मिलता है। सरस्वती चालीसा वीडियो देखने और सुनने से विद्या और ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। विशेष रूप से विद्यार्थियों और विद्या के क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए इसका पाठ अत्यंत लाभकारी होता है। सरस्वती चालीसा वीडियो का नियमित श्रवण करने से स्मरण शक्ति तेज होती है, मन एकाग्र रहता है और पढ़ाई-लिखाई में सफलता प्राप्त होती है। अगर आप अपने जीवन में विद्या, बुद्धि और सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो रोज़ाना सरस्वती चालीसा वीडियो का श्रवण करें और माँ सरस्वती की कृपा प्राप्त करें।
सरस्वती चालीसा पाठ के फायदे (Saraswati Chalisa benefits)
सरस्वती चालीसा का पाठ करने से अनेक लाभ होते हैं:
✅ बुद्धि और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
✅ शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलती है।
✅ मानसिक तनाव और अज्ञानता दूर होती है।
✅ कला, संगीत और रचनात्मकता में निपुणता मिलती है।
✅ विद्यार्थियों को विशेष लाभ मिलता है।
सरस्वती चालीसा का पाठ करने की विधि (How to chant Saraswati Chalisa)
सरस्वती चालीसा का पाठ करने की सही विधि इस प्रकार है:
- प्रातःकाल या संध्या के समय स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।
- मन शांत करें और चालीसा का पाठ आरंभ करें।
- चालीसा का पाठ धीरे-धीरे और स्पष्ट उच्चारण के साथ करें।
- पाठ के बाद मां सरस्वती की आरती करें और आशीर्वाद लें।
सरस्वती चालीसा का महत्व (Importance of Saraswati Chalisa)
सरस्वती चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति और बुद्धि का विकास होता है। शिक्षा, कला और ज्ञान के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए सरस्वती चालीसा का विशेष महत्व है। विद्यार्थियों के लिए यह पाठ बहुत लाभकारी है। संगीत, नृत्य और लेखन से जुड़े लोग मां सरस्वती की कृपा से अपनी कला में निपुण होते हैं।
सरस्वती चालीसा के पाठ से जुड़े विशेष नियम (Special Rules for Saraswati Chalisa Chanting)
सरस्वती चालीसा का पाठ करते समय इन नियमों का पालन करें:
✅ स्वच्छ स्थान पर बैठें।
✅ सफेद वस्त्र पहनें।
✅ पाठ करते समय मन को शांत रखें।
✅ पाठ के दौरान बीच में बात न करें।
✅ चालीसा का पाठ श्रद्धा और भक्ति के साथ करें।
सरस्वती चालीसा के पाठ के दौरान ध्यान देने योग्य बातें (Things to Keep in Mind While Chanting Saraswati Chalisa)
- पाठ करने से पहले स्नान अवश्य करें।
- पाठ के दौरान मन में किसी प्रकार का नकारात्मक विचार न लाएं।
- पाठ समाप्त होने के बाद प्रसाद वितरण करें।
- मां सरस्वती की आरती अवश्य करें।
- सरस्वती चालीसा का पाठ सुबह और शाम के समय करें।
FAQs about Saraswati Chalisa
Q1. सरस्वती चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
सुबह और शाम के समय सरस्वती चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है।
Q2. सरस्वती चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं?
बुद्धि, स्मरण शक्ति और शिक्षा में सफलता मिलती है।
Q3. क्या विद्यार्थी को सरस्वती चालीसा का पाठ करना चाहिए?
हाँ, विद्यार्थी के लिए यह पाठ बहुत लाभकारी है।
Q4. सरस्वती चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
प्रतिदिन एक बार या सप्ताह में कम से कम तीन बार करना चाहिए।
Q5. क्या सरस्वती चालीसा का पाठ विशेष मुहूर्त में करना चाहिए?
बसंत पंचमी के दिन यह पाठ करना विशेष फलदायी होता है।
Q6. सरस्वती चालीसा का पाठ किस दिशा में बैठकर करना चाहिए?
पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ होता है।
Q7. क्या सरस्वती चालीसा पाठ से संगीत और कला में निपुणता आती है?
हाँ, मां सरस्वती की कृपा से कला और संगीत में निपुणता मिलती है।
Q8. सरस्वती चालीसा का पाठ करने के बाद क्या करना चाहिए?
मां सरस्वती की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
Q9. क्या सरस्वती चालीसा का पाठ किसी विशेष दिन करना चाहिए?
बसंत पंचमी और बुधवार को पाठ करना शुभ होता है।
Q10. क्या सरस्वती चालीसा का पाठ करने से मन की शांति मिलती है?
हाँ, सरस्वती चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है।
👉 सरस्वती चालीसा का पाठ नियमित रूप से करने से मां सरस्वती की कृपा से जीवन में सुख, शांति और सफलता प्राप्त होती है।
नमस्ते, मैं अनिकेत, हिंदू प्राचीन इतिहास में अध्ययनरत एक समर्पित शिक्षक और लेखक हूँ। मुझे हिंदू धर्म, मंत्रों, और त्योहारों पर गहन अध्ययन का अनुभव है, और इस क्षेत्र में मुझे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। अपने ब्लॉग के माध्यम से, मेरा उद्देश्य प्रामाणिक और उपयोगी जानकारी साझा कर पाठकों की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा को समृद्ध बनाना है। जुड़े रहें और प्राचीन हिंदू ज्ञान के अद्भुत संसार का हिस्सा बनें!