मां गायत्री को वेदों की माता और ज्ञान की देवी सरस्वती का रूप माना जाता है। मां गायत्री का स्वरूप पांच मुखों और दस हाथों से युक्त होता है, जो पंच तत्वों का प्रतीक है। यह माना जाता है कि मां गायत्री की कृपा से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
मां गायत्री चालीसा लिरिक्स हिन्दी में (Gayatri Chalisa lyrics in Hindi)
मां गायत्री चालीसा संस्कृत और हिंदी में उपलब्ध है। यह चालीसा माता गायत्री की स्तुति में लिखी गई 40 चौपाइयों का एक संग्रह है, जिसका नियमित पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक बल और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचंड ॥
शांति कांति जागृत प्रगति रचना शक्ति अखंड ॥1॥
जगत जननी मंगल करनि गायत्री सुखधाम ।
प्रणवों सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम ॥ २॥
भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी ।
गायत्री नित कलिमल दहनी ॥॥
अक्षर चौबीस परम पुनीता ।
इनमें बसें शास्त्र श्रुति गीता ॥॥
शाश्वत सतोगुणी सत रूपा ।
सत्य सनातन सुधा अनूपा ॥॥
हंसारूढ श्वेतांबर धारी ।
स्वर्ण कांति शुचि गगन-बिहारी ॥॥
पुस्तक पुष्प कमंडलु माला ।
शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ॥॥
ध्यान धरत पुलकित हित होई ।
सुख उपजत दुख दुर्मति खोई ॥॥
कामधेनु तुम सुर तरु छाया ।
निराकार की अद्भुत माया ॥॥
तुम्हरी शरण गहै जो कोई ।
तरै सकल संकट सों सोई ॥॥
सरस्वती लक्ष्मी तुम काली ।
दिपै तुम्हारी ज्योति निराली ॥॥
तुम्हरी महिमा पार न पावैं ।
जो शारद शत मुख गुन गावैं ॥॥
चार वेद की मात पुनीता ।
तुम ब्रह्माणी गौरी सीता ॥॥
महामंत्र जितने जग माहीं ।
कोउ गायत्री सम नाहीं ॥॥
सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै ।
आलस पाप अविद्या नासै ॥॥
सृष्टि बीज जग जननि भवानी ।
कालरात्रि वरदा कल्याणी ॥॥
ब्रह्मा विष्णु रुद्र सुर जेते ।
तुम सों पावें सुरता तेते ॥॥
तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे ।
जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे ॥॥
महिमा अपरम्पार तुम्हारी ।
जय जय जय त्रिपदा भयहारी ॥॥
पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना ।
तुम सम अधिक न जगमें आना ॥॥
तुमहिं जानि कछु रहै न शेषा ।
तुमहिं पाय कछु रहै न क्लेसा ॥॥
जानत तुमहिं तुमहिं व्है जाई ।
पारस परसि कुधातु सुहाई ॥॥
तुम्हरी शक्ति दिपै सब ठाई ।
माता तुम सब ठौर समाई ॥॥
ग्रह नक्षत्र ब्रह्मांड घनेरे ।
सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे ॥॥
सकल सृष्टि की प्राण विधाता ।
पालक पोषक नाशक त्राता ॥॥
मातेश्वरी दया व्रत धारी ।
तुम सन तरे पातकी भारी ॥॥
जापर कृपा तुम्हारी होई ।
तापर कृपा करें सब कोई ॥॥
मंद बुद्धि ते बुधि बल पावें ।
रोगी रोग रहित हो जावें ॥॥
दरिद्र मिटै कटै सब पीरा ।
नाशै दुख हरै भव भीरा ॥॥
गृह क्लेश चित चिंता भारी ।
नासै गायत्री भय हारी ॥॥
संतति हीन सुसंतति पावें ।
सुख संपति युत मोद मनावें ॥॥
भूत पिशाच सबै भय खावें ।
यम के दूत निकट नहिं आवें ॥॥
जो सधवा सुमिरें चित लाई ।
अछत सुहाग सदा सुखदाई ॥॥
घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी ।
विधवा रहें सत्य व्रत धारी ॥॥
जयति जयति जगदंब भवानी ।
तुम सम ओर दयालु न दानी ॥॥
जो सतगुरु सो दीक्षा पावे ।
सो साधन को सफल बनावे ॥॥
सुमिरन करे सुरूचि बडभागी ।
लहै मनोरथ गृही विरागी ॥॥
अष्ट सिद्धि नवनिधि की दाता ।
सब समर्थ गायत्री माता ॥॥
ऋषि मुनि यती तपस्वी योगी ।
आरत अर्थी चिंतित भोगी ॥॥
जो जो शरण तुम्हारी आवें ।
सो सो मन वांछित फल पावें ॥॥
बल बुधि विद्या शील स्वभाउ ।
धन वैभव यश तेज उछाउ ॥॥
सकल बढें उपजें सुख नाना ।
जे यह पाठ करै धरि ध्याना ॥
यह चालीसा भक्ति युत पाठ करै जो कोई ।
तापर कृपा प्रसन्नता गायत्री की होय ॥
मां गायत्री चालीसा कैसे पढ़ें (विधि)
मां गायत्री चालीसा का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जा सकती है:
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल पर बैठकर मां गायत्री की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक जलाएँ।
- 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।
- पूर्ण एकाग्रता के साथ गायत्री चालीसा का पाठ करें।
- पाठ के बाद माता से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
मां गायत्री चालीसा हिंदी में pdf (Gayatri Chalisa pdf in Hindi)
माँ गायत्री चालीसा एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो श्रद्धालु भक्तों द्वारा माता गायत्री की कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। यह चालीसा माँ गायत्री के दिव्य स्वरूप, उनकी महिमा और आशीर्वाद को समर्पित है। यदि आप माँ गायत्री की कृपा पाना चाहते हैं और उनकी भक्ति में लीन होना चाहते हैं, तो माँ गायत्री चालीसा PDF डाउनलोड करके इसे नित्य पाठ करें। यह न केवल आपके मन को शांति प्रदान करेगा, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक उत्थान में भी सहायक होगा। माँ गायत्री की उपासना से बुद्धि, ज्ञान और आत्मशक्ति की वृद्धि होती है। नीचे दिए गए लिंक से आप गायत्री चालीसा PDF आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं और इसे कभी भी, कहीं भी पढ़ सकते हैं।.
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मां गायत्री चालीसा विडियो (Gayatri Chalisa video)
मां गायत्री चालीसा का पाठ करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। यह चालीसा मां गायत्री की महिमा का गुणगान करती है और उनकी कृपा से सभी कष्टों का निवारण होता है। मां गायत्री, जो वेदमाता के रूप में जानी जाती हैं, बुद्धि, ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती हैं। जो भी भक्त श्रद्धा और भक्ति भाव से इस चालीसा का पाठ करता है, उसे मां की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। इस वीडियो में मां गायत्री चालीसा का मधुर और भक्तिमय स्वरूप प्रस्तुत किया गया है, जिसे सुनकर आपका मन भक्तिभाव से भर जाएगा और आपको दिव्य शांति का अनुभव होगा। मां गायत्री की कृपा से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त हो। जय मां गायत्री!
मां गायत्री चालीसा पाठ के फायदे (Gayatri Chalisa benefits)
मां गायत्री चालीसा का नियमित पाठ करने से अनेक लाभ मिलते हैं:
- मन की शांति और आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है।
- नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- याददाश्त और एकाग्रता में वृद्धि होती है।
- मानसिक तनाव और चिंता कम होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा और आत्मबल बढ़ता है।
मां गायत्री चालीसा का पाठ करने की विधि (How to chant Gayatri Chalisa)
मां गायत्री चालीसा का पाठ करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक है:
- सूर्योदय या सूर्यास्त के समय पाठ करना सबसे प्रभावी माना जाता है।
- पाठ करने से पहले स्नान कर लें और स्वच्छ स्थान पर बैठें।
- यदि संभव हो तो पीले या सफेद वस्त्र धारण करें।
- मानसिक एकाग्रता बनाए रखें और श्रद्धा भाव से पाठ करें।
मां गायत्री चालीसा का महत्व (Importance of Gayatri Chalisa)
गायत्री चालीसा का महत्व अनंत है। यह केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि आत्मिक उन्नति का एक शक्तिशाली माध्यम है। इसे पढ़ने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और उसकी बुद्धि प्रखर होती है।
मां गायत्री चालीसा के पाठ से जुड़े विशेष नियम (Special Rules for Gayatri Chalisa Chanting)
- पाठ करने से पहले हाथ-मुंह धोकर स्वच्छ अवस्था में रहें।
- गलत उच्चारण से बचें, इसलिए सही उच्चारण सीखकर ही पाठ करें।
- चालीसा का पाठ हमेशा शांत वातावरण में करें।
- श्रद्धा और विश्वास के साथ पाठ करें।
मां गायत्री चालीसा के पाठ के दौरान ध्यान देने योग्य बातें (Things to Keep in Mind While Chanting Gayatri Chalisa)
- पाठ के दौरान कोई भी नकारात्मक विचार न लाएँ।
- मन को केंद्रित करें और पूर्ण ध्यान के साथ पढ़ें।
- प्रतिदिन एक ही समय पर पाठ करने की आदत डालें।
- पाठ के बाद प्रसाद ग्रहण करें और भगवान को धन्यवाद दें।
10 FAQs about मां गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa)
Q1: मां गायत्री चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
सुबह या शाम के समय पाठ करना सर्वोत्तम होता है।
Q2: क्या मां गायत्री चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है?
हाँ, यह मानसिक तनाव को दूर कर आत्मिक शांति प्रदान करता है।
Q3: क्या मां गायत्री चालीसा का पाठ किसी भी स्थान पर किया जा सकता है?
हाँ, लेकिन पूजा स्थल या शांत स्थान सर्वोत्तम होता है।
Q4: क्या इस चालीसा का पाठ करने के लिए विशेष नियम हैं?
हाँ, स्वच्छता, सही उच्चारण, और श्रद्धा का पालन आवश्यक है।
Q5: क्या मां गायत्री चालीसा का पाठ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है?
हाँ, यह सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और नकारात्मकता को दूर करता है।
Q6: क्या इसे केवल ब्राह्मण ही पढ़ सकते हैं?
नहीं, कोई भी श्रद्धालु इसका पाठ कर सकता है।
Q7: क्या मां गायत्री चालीसा का पाठ करने से पढ़ाई में लाभ मिलता है?
हाँ, यह बुद्धि को तेज करता है और एकाग्रता बढ़ाता है।
Q8: क्या इसे रोज़ पढ़ना आवश्यक है?
नहीं, लेकिन नियमित रूप से पढ़ने से अधिक लाभ मिलता है।
Q9: क्या पाठ करने के लिए किसी विशेष आसन की आवश्यकता होती है?
नहीं, लेकिन पद्मासन या सुखासन में बैठकर पढ़ना बेहतर होता है।
Q10: क्या मां गायत्री चालीसा का पाठ करने से ग्रह दोष शांत होते हैं?
हाँ, यह कई ग्रह दोषों को शांत करने में सहायक होता है।
निष्कर्ष
मां गायत्री चालीसा का पाठ आत्मिक उन्नति और मानसिक शांति प्रदान करने वाला है। यह न केवल आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाता है। यदि इसे सही विधि और श्रद्धा भाव से किया जाए, तो यह अद्भुत लाभ प्रदान करता है।
नमस्ते, मैं अनिकेत, हिंदू प्राचीन इतिहास में अध्ययनरत एक समर्पित शिक्षक और लेखक हूँ। मुझे हिंदू धर्म, मंत्रों, और त्योहारों पर गहन अध्ययन का अनुभव है, और इस क्षेत्र में मुझे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। अपने ब्लॉग के माध्यम से, मेरा उद्देश्य प्रामाणिक और उपयोगी जानकारी साझा कर पाठकों की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा को समृद्ध बनाना है। जुड़े रहें और प्राचीन हिंदू ज्ञान के अद्भुत संसार का हिस्सा बनें!