कृष्ण चालीसा का पाठ करना भगवान श्रीकृष्ण की कृपा पाने का सबसे सरल और प्रभावशाली उपाय है। भगवान श्रीकृष्ण को प्रेम, शांति, भक्ति और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। कृष्ण चालीसा के माध्यम से भगवान कृष्ण की स्तुति की जाती है, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। इस लेख में हम आपको कृष्ण चालीसा के सम्पूर्ण पाठ, पाठ विधि और इसके लाभों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
भगवान श्रीकृष्ण को संपूर्ण विश्व का पालनहार और सृष्टि के कर्ता-धर्ता के रूप में पूजा जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मथुरा के कारागृह में हुआ था। वे वासुदेव और देवकी के पुत्र थे। उनके जन्म का उद्देश्य संसार से अधर्म का नाश करना और धर्म की स्थापना करना था।
भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया, जिससे पूरे विश्व को जीवन जीने का मार्गदर्शन मिला। श्रीकृष्ण की बाल लीलाएँ, माखन चोरी, रासलीला, और गोवर्धन पूजा आज भी भक्तों के बीच आस्था और श्रद्धा का केंद्र बनी हुई हैं।
भगवान श्रीकृष्ण को प्रेम और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा करने से मन को शांति मिलती है और जीवन की सभी परेशानियाँ दूर होती हैं।
कृष्ण चालीसा लिरिक्स हिन्दी में (Krishna Chalisa lyrics in hindi)
॥ दोहा॥
बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम ।
अरुण अधर जनु बिम्बफल,नयन कमल अभिराम ॥
पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख,पीताम्बर शुभ साज ।
जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज ॥
॥ चौपाई ॥
जय यदुनन्दन जय जगवन्दन ।
जय वसुदेव देवकी नन्दन ॥
जय यशुदा सुत नन्द दुलारे ।
जय प्रभु भक्तन के दृग तारे ॥
जय नट-नागर नाग नथैया ।
कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया ॥
पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो ।
आओ दीनन कष्ट निवारो ॥
वंशी मधुर अधर धरी तेरी ।
होवे पूर्ण मनोरथ मेरो ॥
आओ हरि पुनि माखन चाखो ।
आज लाज भारत की राखो ॥
गोल कपोल, चिबुक अरुणारे ।
मृदु मुस्कान मोहिनी डारे ॥
रंजित राजिव नयन विशाला ।
मोर मुकुट वैजयंती माला ॥
कुण्डल श्रवण पीतपट आछे ।
कटि किंकणी काछन काछे ॥
नील जलज सुन्दर तनु सोहे ।
छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे ॥
मस्तक तिलक, अलक घुंघराले ।
आओ कृष्ण बांसुरी वाले ॥
करि पय पान, पुतनहि तारयो ।
अका बका कागासुर मारयो ॥
मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला ।
भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला ॥
सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई ।
मसूर धार वारि वर्षाई ॥
लगत-लगत ब्रज चहन बहायो ।
गोवर्धन नखधारि बचायो ॥
लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई ।
मुख महं चौदह भुवन दिखाई ॥
दुष्ट कंस अति उधम मचायो ।
कोटि कमल जब फूल मंगायो ॥
नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें ।
चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें ॥
करि गोपिन संग रास विलासा ।
सबकी पूरण करी अभिलाषा ॥
केतिक महा असुर संहारयो ।
कंसहि केस पकड़ि दै मारयो ॥
मात-पिता की बन्दि छुड़ाई ।
उग्रसेन कहं राज दिलाई ॥
महि से मृतक छहों सुत लायो ।
मातु देवकी शोक मिटायो ॥
भौमासुर मुर दैत्य संहारी ।
लाये षट दश सहसकुमारी ॥
दै भिन्हीं तृण चीर सहारा ।
जरासिंधु राक्षस कहं मारा ॥
असुर बकासुर आदिक मारयो ।
भक्तन के तब कष्ट निवारियो ॥
दीन सुदामा के दुःख टारयो ।
तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो ॥
प्रेम के साग विदुर घर मांगे ।
दुर्योधन के मेवा त्यागे ॥
लखि प्रेम की महिमा भारी ।
ऐसे श्याम दीन हितकारी ॥
भारत के पारथ रथ हांके ।
लिए चक्र कर नहिं बल ताके ॥
निज गीता के ज्ञान सुनाये ।
भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये ॥
मीरा थी ऐसी मतवाली ।
विष पी गई बजाकर ताली ॥
राना भेजा सांप पिटारी ।
शालिग्राम बने बनवारी ॥
निज माया तुम विधिहिं दिखायो ।
उर ते संशय सकल मिटायो ॥
तब शत निन्दा करी तत्काला ।
जीवन मुक्त भयो शिशुपाला ॥
जबहिं द्रौपदी टेर लगाई ।
दीनानाथ लाज अब जाई ॥
तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला ।
बढ़े चीर भै अरि मुँह काला ॥
अस नाथ के नाथ कन्हैया ।
डूबत भंवर बचावत नैया ॥
सुन्दरदास आस उर धारी ।
दयादृष्टि कीजै बनवारी ॥
नाथ सकल मम कुमति निवारो ।
क्षमहु बेगि अपराध हमारो ॥
खोलो पट अब दर्शन दीजै ।
बोलो कृष्ण कन्हैया की जै ॥
॥ दोहा ॥
यह चालीसा कृष्ण का, पाठ करै उर धारि।
अष्ट सिद्धि नवनिधि फल, लहै पदारथ चारि॥
कृष्ण चालीसा कैसे पढ़ें (विधि)
कृष्ण चालीसा का पाठ करने के लिए विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। पाठ से पहले मन और शरीर को शुद्ध करना चाहिए।
👉 कृष्ण चालीसा पाठ विधि:
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
- भगवान कृष्ण को माखन, मिश्री, तुलसी के पत्ते और फूल अर्पित करें।
- मन को शांत करके श्रीकृष्ण का ध्यान करें।
- पहले “ॐ श्री कृष्णाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- इसके बाद कृष्ण चालीसा का पाठ करें।
कृष्ण चालीसा हिंदी में pdf (Krishna Chalisa pdf in Hindi)
यदि आप कृष्ण चालीसा का पाठ करना चाहते हैं और इसे हमेशा अपने पास रखना चाहते हैं, तो Krishna Chalisa PDF डाउनलोड करना एक उत्तम विकल्प है। कृष्ण चालीसा का पाठ भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सुख-शांति लाने का सरल उपाय है। कृष्ण चालीसा PDF को डाउनलोड करके आप इसे कभी भी, कहीं भी पढ़ सकते हैं। इससे न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि जीवन की सभी बाधाएं भी दूर होती हैं। कृष्ण चालीसा PDF डाउनलोड करने के बाद आप इसे प्रिंट करके अपने पूजा स्थल पर रख सकते हैं या इसे अपने फोन और लैपटॉप में सेव करके कभी भी इसका पाठ कर सकते हैं। नियमित रूप से कृष्ण चालीसा का पाठ करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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कृष्ण चालीसा विडियो (Krishna Chalisa video)
यदि आप भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो कृष्ण चालीसा वीडियो आपके लिए एक उत्तम साधन है। कृष्ण चालीसा का पाठ भगवान कृष्ण की भक्ति का एक सरल और प्रभावशाली मार्ग है, जिससे मन को शांति और आत्मा को संतोष मिलता है। कृष्ण चालीसा वीडियो देखने से आप सही उच्चारण और लय के साथ इसका पाठ कर सकते हैं, जिससे भगवान श्रीकृष्ण की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। कृष्ण चालीसा में भगवान कृष्ण के जीवन, उनकी बाल लीलाओं, माखन चोरी, रासलीला और गीता उपदेश का सुंदर वर्णन किया गया है। इस वीडियो के माध्यम से आप भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन हो सकते हैं और अपने जीवन की सभी बाधाओं को दूर कर सकते हैं। कृष्ण चालीसा वीडियो को नियमित रूप से देखने और सुनने से मन की चंचलता समाप्त होती है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। अगर आप अपने जीवन में सुख, शांति और सफलता चाहते हैं तो प्रतिदिन कृष्ण चालीसा वीडियो का श्रवण करें और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करें।
कृष्ण चालीसा पाठ के फायदे (Krishna Chalisa benefits)
कृष्ण चालीसा के नियमित पाठ से कई लाभ प्राप्त होते हैं। यह न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि जीवन की कई समस्याओं का समाधान भी करता है।
✅ मन की शांति: कृष्ण चालीसा के पाठ से मन शांत होता है और तनाव दूर होता है।
✅ सकारात्मक ऊर्जा: नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
✅ सफलता और समृद्धि: भगवान कृष्ण की कृपा से जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।
✅ स्वास्थ्य लाभ: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
✅ विवाह और संतान सुख: श्रीकृष्ण की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
कृष्ण चालीसा का पाठ करने की विधि (How to chant Krishna Chalisa)
कृष्ण चालीसा का पाठ करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी है:
➡️ सुबह या शाम के समय पाठ करना उत्तम होता है।
➡️ पाठ से पहले भगवान कृष्ण को माखन और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
➡️ पाठ करते समय श्रीकृष्ण का ध्यान करें और मन को शांत रखें।
➡️ कृष्ण चालीसा का पाठ करते समय माला का प्रयोग करें।
➡️ पाठ के बाद भगवान कृष्ण की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
श्रीकृष्ण के प्रिय मंत्र (Lord Krishna’s Favorite Mantras)
कृष्ण चालीसा के साथ-साथ श्रीकृष्ण के कुछ प्रिय मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है:
➡️ “ॐ श्रीकृष्णाय नमः”
➡️ “क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा”
➡️ “हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे”
➡️ “गोविंदाय नमो नमः”
इन मंत्रों का नियमित जाप करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और जीवन में शांति व समृद्धि का संचार होता है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन और उनकी शिक्षाएँ
श्रीकृष्ण का जन्म और बाल लीलाएँ
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को रात के समय मथुरा के कारागृह में हुआ था। उनके माता-पिता वासुदेव और देवकी थे। कंस के अत्याचारों से बचाने के लिए वासुदेव ने बालक कृष्ण को यमुना पार गोकुल में नंद बाबा के घर ले जाकर यशोदा माँ को सौंप दिया।
गोकुल में श्रीकृष्ण ने कई बाल लीलाएँ कीं, जिनमें माखन चोरी, गोपियों के संग रासलीला और पूतना का वध शामिल है। उन्होंने बाल्यकाल में ही कंस द्वारा भेजे गए राक्षसों का वध करके लोगों को उनके अत्याचारों से बचाया।
कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाना
जब इंद्र देव ने गोकुलवासियों से नाराज होकर मूसलधार वर्षा शुरू की, तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर सभी लोगों को आश्रय दिया। इस घटना ने दर्शाया कि मनुष्य को अपने कर्तव्यों पर विश्वास रखना चाहिए और अहंकार को त्यागना चाहिए।
महाभारत और गीता का उपदेश
महाभारत के युद्ध में जब अर्जुन ने अपने कर्तव्यों से पीछे हटने का निर्णय लिया, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का दिव्य उपदेश दिया। उन्होंने अर्जुन को बताया कि:
- जीवन में कर्म करना सबसे महत्वपूर्ण है।
- फल की चिंता किए बिना अपने कर्तव्य का पालन करें।
- आत्मा अमर है, शरीर नश्वर है।
- मन को स्थिर रखें और हर परिस्थिति में धर्म के मार्ग पर चलें।
गीता का यह उपदेश आज भी जीवन की हर परिस्थिति में मार्गदर्शन देता है।
श्रीकृष्ण की रासलीला
भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला भक्ति और प्रेम का सर्वोच्च रूप है। रासलीला के माध्यम से उन्होंने संसार को प्रेम, समर्पण और भक्ति का सही अर्थ समझाया। गोपियों के प्रति उनका प्रेम सांसारिक मोह से परे था। रासलीला इस बात का प्रतीक है कि भगवान की भक्ति में लीन होकर सभी सांसारिक बंधनों से मुक्त हुआ जा सकता है।
कृष्ण चालीसा का महत्व (Importance of Krishna Chalisa)
कृष्ण चालीसा का पाठ करने से न केवल भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में आने वाली बाधाओं का भी नाश होता है। यह चालीसा भगवान कृष्ण के दिव्य स्वरूप, उनकी लीलाओं और शिक्षाओं का सार है।
कृष्ण चालीसा के माध्यम से हम भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति पाते हैं। कृष्ण चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में निम्नलिखित सकारात्मक परिवर्तन होते हैं:
✅ आध्यात्मिक शक्ति मिलती है – श्रीकृष्ण की कृपा से आत्मा को बल मिलता है।
✅ मन शांत होता है – जीवन की उलझनों और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
✅ धन और समृद्धि का आगमन होता है – भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
✅ वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है – पति-पत्नी के बीच आपसी समझ और प्रेम बढ़ता है।
✅ मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं – भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति से इच्छाओं की पूर्ति होती है।
✅ बुरी नजर से रक्षा होती है – नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
✅ धर्म और भक्ति का मार्ग मिलता है – जीवन में धर्म का मार्ग प्रशस्त होता है।
कृष्ण चालीसा के पाठ से जुड़े विशेष नियम (Special Rules for Krishna Chalisa Chanting)
कृष्ण चालीसा के पाठ के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। इससे पाठ का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है और भगवान कृष्ण की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
➡️ पाठ के समय शुद्ध वस्त्र धारण करें।
➡️ मन को शांत और एकाग्र रखें
➡️ श्रीकृष्ण के सामने दीपक जलाएँ।
➡️ पाठ के समय तुलसी की माला का प्रयोग करें।
➡️ पाठ के बाद आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
➡️ भगवान श्रीकृष्ण को माखन, मिश्री और तुलसी के पत्ते का भोग लगाएँ।
➡️ रात में सोने से पहले कृष्ण चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
कृष्ण चालीसा के पाठ के दौरान ध्यान देने योग्य बातें (Things to Keep in Mind While Chanting Krishna Chalisa)
👉 पाठ के समय मन को भटकने से बचाएँ।
👉 पाठ के दौरान सांसारिक विचारों से दूर रहें।
पाठ के बाद भगवान कृष्ण की स्तुति करें और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।
👉 चालीसा का पाठ नित्य करने का संकल्प लें।
👉 यदि संभव हो तो ब्रह्म मुहूर्त (प्रातः 4:00 से 6:00 बजे के बीच) में कृष्ण चालीसा का पाठ करें।
कृष्ण चालीसा का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रभाव (Scientific and Spiritual Benefits of Krishna Chalisa)
कृष्ण चालीसा के पाठ का मन, शरीर और आत्मा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
✅ वैज्ञानिक प्रभाव:
- चालीसा के नियमित पाठ से मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- मानसिक तनाव कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है।
- नींद की समस्या, उच्च रक्तचाप और चिंता से राहत मिलती है।
- शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है और थकान दूर होती है।
✅ आध्यात्मिक प्रभाव:
- चालीसा के पाठ से मन शांत होता है और भक्ति का भाव जागृत होता है।
- व्यक्ति का मन और हृदय श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो जाता है।
- जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं।
- श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना प्रबल होती है।
10 FAQs about कृष्ण चालीसा
Q1. कृष्ण चालीसा कब पढ़नी चाहिए?
सुबह और शाम के समय कृष्ण चालीसा पढ़ना सबसे शुभ माना जाता है।
Q2. कृष्ण चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं?
मन शांत होता है, जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।
Q3. क्या कृष्ण चालीसा का पाठ करने के लिए उपवास रखना जरूरी है?
नहीं, लेकिन पाठ के समय मन और शरीर का शुद्ध होना आवश्यक है।
Q4. कृष्ण चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
प्रतिदिन कम से कम एक बार पाठ करना शुभ होता है।
Q5. क्या रात्रि के समय कृष्ण चालीसा पढ़ सकते हैं?
हाँ, रात्रि के समय भी श्रीकृष्ण का पाठ कर सकते हैं।
Q6. कृष्ण चालीसा के पाठ के दौरान कौन सा भोग अर्पित करें?
माखन, मिश्री और तुलसी के पत्ते का भोग अर्पित करना शुभ होता है।
Q7. क्या महिलाएँ कृष्ण चालीसा का पाठ कर सकती हैं?
हाँ, महिलाएँ भी श्रद्धा और भक्ति से कृष्ण चालीसा का पाठ कर सकती हैं।
Q8. क्या कृष्ण चालीसा का पाठ करने के लिए विशेष स्थान जरूरी है?
शुद्ध और शांत स्थान पर बैठकर पाठ करना उत्तम होता है।
Q9. क्या कृष्ण चालीसा पाठ के दौरान मोबाइल का उपयोग कर सकते हैं?
नहीं, पाठ के दौरान मोबाइल से दूर रहना चाहिए।
Q10. क्या कृष्ण चालीसा पाठ से विवाह संबंधित समस्याएँ दूर हो सकती हैं?
हाँ, भगवान कृष्ण की कृपा से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति मिलती है।
निष्कर्ष
कृष्ण चालीसा का पाठ भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन है। इससे जीवन में शांति, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। नियमित रूप से कृष्ण चालीसा का पाठ करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।
जय श्रीकृष्ण
नमस्ते, मैं अनिकेत, हिंदू प्राचीन इतिहास में अध्ययनरत एक समर्पित शिक्षक और लेखक हूँ। मुझे हिंदू धर्म, मंत्रों, और त्योहारों पर गहन अध्ययन का अनुभव है, और इस क्षेत्र में मुझे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। अपने ब्लॉग के माध्यम से, मेरा उद्देश्य प्रामाणिक और उपयोगी जानकारी साझा कर पाठकों की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा को समृद्ध बनाना है। जुड़े रहें और प्राचीन हिंदू ज्ञान के अद्भुत संसार का हिस्सा बनें!