क्या आपको पता है खाटू श्याम कौन हैं ? और खाटू श्याम चालीसा क्या है? आइए आपको इसको बारे । बताते है। खाटू श्याम असल में भीम के पोते और घटोत्कच के बेटे बर्बरीक हैं। बर्बरीक जी को ही खाटू श्याम जी के रूप मे पूजा जाता है बर्बरीक बचपन से ही वीर और शक्तिशाली थे उन्होंने भगवान शिव जी को प्रसन्न करके तीन अभेद बाण प्राप्त किए थे इसलिए इन्हें तीन बाणधारी के नाम से भी जाना जाता है।
बर्बरीक को एक शक्तिशाली देवता माना जाता है जो अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करते हैं, खासकर उन लोगों की जो साहस और कठिनाइयों से राहत चाहते हैं। चालीसा में चालीस छंद हैं (इसलिए “चालीसा” शब्द) जो भगवान खाटू श्याम की स्तुति और सम्मान करते हैं। प्रत्येक श्लोक में उनके दिव्य गुणों, वीरता और दयालु स्वभाव का वर्णन है। भक्त अपने जीवन में उनका आशीर्वाद, सुरक्षा और मार्गदर्शन पाने के लिए इस चालीसा का पाठ करते हैं।खाटू श्याम चालीसा हिंदू धर्म में पूजनीय देवता भगवान खाटू श्याम को समर्पित एक भक्ति भजन है।
खाटू श्याम चालीसा लीरिक्स
।।दोहा।।
श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द ।
श्याम चालीसा भणत हूं, रच चौपाई छंद ।।
।।चौपाई।।
श्याम श्याम भजि बारम्बारा । सहज ही हो भवसागर पारा ।।
इन सम देव ना दूजा कोई । दीन दयालु न दाता होई ।।
भीमसुपुत्र अहिलवती जाया । कहीं भीम का पौत्र कहाया ।।
यह सब कथा सही कल्पनान्तर । तनिक ना मानों इसमें अन्तर ।।
बर्बरीक विष्णु अवतारा । भक्तन हेतु मनुज तनु धारा ।
वसुदेव देवकी प्यारे । यशुमति मैया नन्द दुलारे ।।
मधुसूदन गोपाल मुरारी । बृजकिशोर गोवर्धन धारी ।।
सियाराम श्री हरि गोविन्दा । दीनपाल श्री बाल मुकन्द ।।
दामोदर रणछोड़ बिहारी । नाथ द्वारिकाधीश खरारी ।।
नरहरि रूप प्रह्लाद प्यारा । खम्भ फारि हिरनाकुश मारा ।।
राधा वल्लभ रुक्मिणी कंता । गोपी वल्लभ कंस हनंता ।।
मनमोहन चित्तचोर कहाए । माखन चोरि चोरि कर खाए ।।
मुरलीधर यदुपति घनश्यामा । कृष्ण पतितपावन अभिरामा ।।
मायापति लक्ष्मीपति ईसा । पुरुषोत्तम केशव जगदीशा ।।
विश्वपति त्रिभुवन उजियारा । दीन बन्धु भक्तन रखवारा ।।
प्रभु का भेद कोई ना पाया । शेष महेश थके मुनिराया ।।
नारद शारद ऋषि योगिन्दर । श्याम श्याम सब रटत निरन्तर ।।
करि कोविद करि सके न गिनन्ता । नाम अपार अथाह अनन्ता ।।
हर सृष्टि हर युग में भाई । ले अवतार भक्त सुखदाई ।।
हृदय मांहि करि देखु विचारा । श्याम भजे तो हो निस्तारा ।।
कीर पढ़ावत गणिका तारी । भीलनी की भक्ति बलिहारी ।।
सती अहिल्या गौतम नारी । भई श्राप वश शिला दुखारी ।।
श्याम चरण रज नित लाई । पहुंची पतिलोक में जाई ।
अजामिल अरू सदन कसाई । नाम प्रताप परम गति पाई ।।
जाके श्याम नाम अधारा । सुख लहहि दु:ख दूर हो सारा ।।
श्याम सुलोचन है अति सुन्दर । मोर मुकुट सिर तन पीताम्बर ।।
गल वैजयन्ति माल सुहाई । छवि अनूप भक्तन मन भाई ।।
श्याम श्याम सुमिरहु दिनराती । शाम दुपहरि अरू परभाती ।।
श्याम सारथी जिसके रथ के । रोड़े दूर होय उस पथ के ।।
श्याम भक्त न कहीं पर हारा । भीर परि तब श्याम पुकारा ।।
रसना श्याम नाम रस पी ले । जी ले श्याम नाम के हाले ।।
संसारी सुख भोग मिलेगा । अन्त श्याम सुख योग मिलेगा ।।
श्याम प्रभु हैं तन के काले । मन के गोरे भोले भाले ।।
श्याम संत भक्तन हितकारी । रोग दोष अघ नाशै भारी ।।
प्रेम सहित जे नाम पुकारा । भक्त लगत श्याम को प्यारा ।।
खाटू में है मथुरा वासी । पार ब्रह्म पूरण अविनासी ।।
सुधा तान भरि मुरली बजाई । चहुं दिशि नाना जहां सुनि पाई ।।
वृद्ध बाल जेते नारी नर । मुग्ध भये सुनि वंशी के स्वर ।।
दौड़ दौड़ पहुंचे सब जाई । खाटू में जहां श्याम कन्हाई ।।
जिसने श्याम स्वरूप निहारा । भव भय से पाया छुटकारा ।।
।।दोहा।।
श्याम सलोने सांवरे, बर्बरीक तनु धार ।
इच्छा पूर्ण भक्त की, करो न लाओ बार ।।
खाटू श्याम चालीसा लीरिक्स पीडीएफ
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खाटू श्याम चालीसा वीडियो
खाटू श्याम चालीसा का विस्तृत अर्थ
खाटू श्याम चालीसा में प्रत्येक छंद भगवान खाटू श्याम के व्यक्तित्व और उनके दिव्य कार्यों के विशिष्ट पहलुओं का जश्न मनाने के लिए तैयार किया गया है। यहां कुछ महत्वपूर्ण छंदों का विवरण दिया गया है:
1. आरंभिक छंद: ये छंद भगवान का आह्वान करते हुए उनसे अपने भक्तों पर आशीर्वाद बरसाने के लिए कहते हैं। वे एक रक्षक और साहस प्रदाता के रूप में उनकी भूमिका पर प्रकाश डालते हैं।
2. मध्य छंद: ये उनके दयालु स्वभाव के बारे में बताते हैं, कि कैसे वह शुद्ध हृदय से प्रार्थना करने वालों की इच्छाओं को पूरा करते हैं, और कैसे वह जरूरतमंदों की सहायता के लिए आते हैं।
3. समापन छंद: अंतिम छंदों में अक्सर भक्त के आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त किया जाता है, उनके वीर और दयालु स्वभाव की प्रशंसा की जाती है। यह संरचना चालीसा को एक संपूर्ण प्रार्थना बनाती है, जिसमें खाटू श्याम की स्तुति और भक्त की विनम्रता दोनों शामिल हैं।
खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने के लाभ
माना जाता है कि खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से कई आध्यात्मिक और भावनात्मक लाभ मिलते हैं:
1. परेशानियों से राहत: भक्त अक्सर मानते हैं कि भगवान खाटू श्याम मानसिक तनाव और कठिनाइयों को कम करने में मदद करते हैं।
2. आध्यात्मिक विकास: नियमित जप से आंतरिक शांति, स्पष्टता और किसी के आध्यात्मिक स्व के साथ गहरा संबंध आता है।
3. साहस और शक्ति: यह आत्मविश्वास और मानसिक लचीलापन पैदा करता है, जिससे भक्तों को जीवन की चुनौतियों का बहादुरी से सामना करने में सक्षम बनाया जाता है।
4. इच्छा पूर्ति: एक परोपकारी देवता के रूप में जाने जाने वाले खाटू श्याम के बारे में माना जाता है कि वे वास्तविक इच्छाएं पूरी करते हैं, खासकर जब सच्चे दिल से मांगी जाती है।
5. भावनात्मक संतुलन: शांत और लयबद्ध पाठ भावनाओं को संतुलित करने में मदद करता है, आराम और आंतरिक खुशी की भावना प्रदान करता है।
खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने के नियम
चालीसा का पाठ करते समय कुछ दिशानिर्देशों का पालन करने से इसके लाभ बढ़ सकते हैं:
1. पवित्रता और स्वच्छता: पाठ शुरू करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप और आपका वातावरण दोनों स्वच्छ हैं।
2. शुभ समय चुनें: सुबह या शाम को सबसे अच्छा समय माना जाता है, क्योंकि यह शांति और ध्यान केंद्रित करता है।
3. दीया या धूप जलाएं: दीया या अगरबत्ती जलाना एक पारंपरिक प्रथा है, जिसके बारे में माना जाता है कि इससे आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।
4. भक्तिभाव से पाठ करें: प्रत्येक शब्द पर ध्यान केंद्रित करें, उसका अर्थ समझें और पूरी आस्था और भक्ति के साथ पाठ करें।
5. नियमित अभ्यास: दैनिक या साप्ताहिक पाठ को प्रोत्साहित किया जाता है, विशेष रूप से गुरुवार को, जो भगवान खाटू श्याम से जुड़ा दिन है।
निष्कर्ष
खाटू श्याम चालीसा सिर्फ एक प्रार्थना से कहीं अधिक है। यह भक्तों के लिए परमात्मा से जुड़ने, सांत्वना पाने और कठिन समय में ताकत हासिल करने का एक तरीका है। आस्था और समर्पण के साथ नियमित पाठ से अधिक शांतिपूर्ण, पूर्ण और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध जीवन जीया जा सकता है। इन प्रथाओं का पालन करके और चालीसा की छंदों को समझकर, भक्त भगवान खाटू श्याम के साथ एक सार्थक संबंध विकसित कर सकते हैं और अपने जीवन में उनकी शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
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