बजरंग बाण एक हिंदू धार्मिक पाठ है जो भगवान हनुमान जी को समर्पित है , मुख्य रूप से भगवान हनुमान जी की स्तुति और उनके प्रति अपनी भक्ति प्रकट करने के लिए किया जाता है। इसमें भगवान हनुमान जी की शक्ति, महिमा और पराक्रम तथा भक्तो के प्रति उनकी करुणा का वर्णन है। हनुमान भक्त इसको अपने संकट और कष्टों को दूर करने तथा भय मुक्ति के लिए गाते है।इसका पाठ नियमित रूप से करने से भक्तो को मनोबल एवम् साहस मिलता है। इस पाठ मे भगवान हनुमान के अनेक अद्भुत कार्यों का वर्णन है। इस पेज पर आपको बजरंग बाण लिखित में, वीडियो, पढने के फायदे, स्पेशल विधि, एवं पीडीएफ प्राप्त होंगे।
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बजरंग बाण का पाठ करते समय श्रद्धा और विश्वास अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका पाठ आमतौर पर मंगलवार और शनिवार को किया जाता है क्योंकि ये दिन हनुमान जी के लिए विशेष माने जाते है । तो आइए इसके बारे मे और जानकारी लेते है ।
इस पाठ के कुछ प्रमुख अंश और उनके महत्व निम्नलिखित हैं:
संकटमोचक: बजरंग बाण को संकट के समय में पढ़ा जाता है। यह माना जाता है कि इसके पाठ से सभी प्रकार के भूत-प्रेत, बुरी आत्माएँ और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती हैं।
शक्ति और साहस का संचार: इसका पाठ करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास और साहस का संचार होता है। यह मानसिक और शारीरिक बल को बढ़ाता है।
भक्ति और समर्पण: यह भजन भगवान हनुमान के प्रति गहरे भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। इसे पढ़ने से भक्त का मन शांति और संतोष का अनुभव करता है।
संरक्षण और रक्षा: इसके नियमित पाठ से व्यक्ति को भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है और वे हर तरह के खतरों और विपत्तियों से सुरक्षित रहते हैं।
Bajrang baan lyrics in hindi । बजरंग बाण लिखित में
||दोहा||
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
||चौपाई||
जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥
अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥
जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥
जय हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
गदा ब्रज लै बैरिहि मारो। महाराज प्रभु दास उबारो ।।
ओंकार हुंकार प्रभु धावो। ब्रज गदा हनु विलम्ब न लावो।।
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥
सत्य होहू हरि सपथ पाय के। राम दूत धरू मारू धाय के।।
जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुःख पावत जन केहि अपराध।।
पूजा जप तप नेम अचारा। नेहीं जानत हौ दास तुम्हारा।।
वन उपवन , मग गिरी गृह माहीं । तुम्हारे बल हम डरपत नाहीं।।
पाँय परौं कर जोरि मनावौ, यहि अवसर अब केहि गोहरावाँ ।।
जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥
बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥
इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मर्यादा नाम की॥
जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥
जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥
उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥
ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥
अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥
यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥
पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥
यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥
धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥
जय हनुमान जय हनुमान। जय हनुमान जय हनुमान।।
||दोहा||
प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै। सदा धरैं उर ध्यान।।
‘तेहि के कारज तुरत ही, सिद्ध करैं हनुमान।।
Bajrang Baan lyrics pdf in hindi
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Bajrang Baan video
बजरंग बाण के लाभ (Hanuman Baan Benefits)
बजरंग बाण का पाठ एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली साधना है जो भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा और आशीर्वाद दिलाने में सहायक होता है। इसका नियमित रूप से पाठ करना बहुत लाभदायक होता है। तो आइए इसके लाभ के बारे मे और जानकारी प्राप्त करते है :-
आध्यात्मिक बल: यह पाठ व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है और उसे मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
संकट से मुक्ति: इसके नियमित पाठ से जीवन के कठिनाइयों और संकटों का अंत हो जाता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो जीवन में अनेक परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
धार्मिक संस्कार: यह पाठ भारतीय धार्मिक संस्कारों और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है।कई धार्मिक अनुष्ठानों और हवन में बजरंग बाण का पाठ किया जाता है, जिससे धार्मिक अनुष्ठानों की पूर्णता मानी जाती है।
स्वास्थ्य लाभ: इसका पाठ करने से अभी प्रकार की शारीरिक और मानसिक रोगों से छुटकारा मिलता है।
नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: इसके पाठ से बुरी आत्माएँ और अभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती हैं।
सकारात्मकता का संचार: यह पाठ व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और उसे आत्मविश्वासी और साहसी बनाता है। इसके पाठ से व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है।
हनुमान जयंती: हनुमान जयंती के अवसर पर बजरंग बाण का विशेष पाठ किया जाता है, जिससे भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। हनुमान जी की कृपा से व्यक्ति के सभी कार्य सफल होते हैं और उसे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति मिलती है।
बजरंग बाण के पाठ करने की विधि
प्रारंभ: पाठ शुरू करने से पहले भगवान हनुमान और भगवान राम की तस्वीर रखें और भगवान का ध्यान करें। एक दीपक जलाकर उनके सामने रखें। एक तांबे के लोटे मे जल भर के रखें।भगवान तो लाल पुष्प अर्पित करे ।
स्थान: किसी शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर बजरंग बाण का पाठ पूरी श्रद्धा और भक्ति से एकाग्र मन से करे।
समय: सुबह और शाम के समय इसका पाठ करना श्रेष्ठ माना जाता है।
संकल्प: पाठ करने से पहले एक संकल्प लें और हनुमान जी से अपने कष्टों का निवारण करने की प्रार्थना करें।
जीवन में बजरंग बाण का महत्व
आज के समय में, जब व्यक्ति मानसिक तनाव, डर, और अस्थिरता का सामना कर रहा है, बजरंग बाण एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है। यह हमें हमारी आंतरिक शक्ति और ईश्वर की अनुकंपा पर विश्वास करना सिखाता है।
हनुमान जी का जीवन हमें यह प्रेरणा देता है कि कोई भी कार्य असंभव नहीं है यदि हमारा विश्वास दृढ़ हो और हमारी निष्ठा अडिग हो। उनके गुण, जैसे साहस, धैर्य, और सेवा-भाव, हमें एक सच्चा और सुखी जीवन जीने का मार्ग दिखाते हैं।
निष्कर्ष
बजरंग बाण केवल एक स्तोत्र नहीं, बल्कि जीवन की कठिन परिस्थितियों में हमारी आंतरिक शक्ति और ईश्वर के प्रति समर्पण का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि हमारी समस्याओं का समाधान हमारे विश्वास, भक्ति, और ईश्वर की कृपा में निहित है।
निष्कर्ष के मुख्य बिंदु
1. आध्यात्मिक उद्देश्य
बजरंग बाण का पाठ हमें यह सिखाता है कि हर समस्या का समाधान भगवान के प्रति समर्पण और भक्ति में निहित है। हनुमान जी के प्रति विश्वास रखकर हम अपनी कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं।
2. मन और आत्मा की शुद्धि
इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से मन में सकारात्मकता और आत्मा में शुद्धता आती है। यह हमें नकारात्मक सोच, डर, और मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाता है।
3. संकट से रक्षा
बजरंग बाण को संकट के समय पढ़ना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। यह व्यक्ति को अदृश्य शक्तियों और नकारात्मक प्रभावों से बचाता है।
4. भक्ति का मार्ग
हनुमान जी की भक्ति हमें यह सिखाती है कि ईश्वर की सेवा में समर्पित होकर हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। यह स्तोत्र भक्तों के जीवन में अनुशासन और सेवा का भाव उत्पन्न करता है।
5. धैर्य और साहस का संचार
बजरंग बाण का पाठ करने से व्यक्ति के भीतर धैर्य, साहस, और आत्मविश्वास का विकास होता है। यह स्तोत्र हमें यह समझने में मदद करता है कि किसी भी समस्या का सामना धैर्य और साहस के साथ किया जा सकता है।
इसका पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति, मानसिक शांति, और साहस मिलता है। यह हनुमान जी के प्रति हमारे विश्वास को और भी प्रगाढ़ करता है और हमें यह अहसास कराता है कि उनके आशीर्वाद से हर समस्या का समाधान संभव है। बजरंग बाण का पाठ भक्तों को उनके जीवन में नई ऊर्जा और आशा प्रदान करता है।
FAQs – बजरंग बाण से जुड़े सवाल और जवाब
बजरंग बाण कब पढ़ना चाहिए ?
हर मंगलवार और शनिवार को बजरंग बाण पढ़ना चाहिए।
बजरंग बाण कितनी बार पढ़ना चाहिए?
अगर किसी दोष को दूर करने के लिए बजरंग बाण का पाठ करना है तो 7 या 11 या 21 बार ,21 दिन तक लगातार करना चाहिए इससे दोष दूर करने मे सहायता मिलती है
बजरंग बाण के क्या फायदे है ?
इसके पाठ से विवाह मे आने वाली बाधा दूर हो जाती है । किसी भी प्रकार के कुंडली के ग्रह दोष दूर होते है और अगर किसी का मंगल का दोष है तो उसे नियमित रूप से हर मंगलवार बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए इससे मांगलिक दोष का निवारण जल्द हो जाता है । सभी प्रकार के कष्टों और संकट से बचाता है।
बजरंग बाण क्या है?
बजरंग बाण भगवान हनुमान की स्तुति और प्रार्थना के लिए रचित एक पवित्र स्तोत्र है।
बजरंग बाण का अर्थ क्या है?
“बजरंग” हनुमान जी का नाम है, और “बाण” का अर्थ तीर है, जो हनुमान जी की शक्ति और विजय का प्रतीक है।
बजरंग बाण की रचना किसने की?
इसे तुलसीदास जी ने रचा है।
बजरंग बाण का पाठ क्यों किया जाता है?
इसे संकट, भय, शत्रु बाधा और मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।
क्या बजरंग बाण हर कोई पढ़ सकता है?
हां, इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ कोई भी पढ़ सकता है।
बजरंग बाण का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
इससे आत्मबल बढ़ता है, भय समाप्त होता है, और जीवन में शांति आती है।
बजरंग बाण का पाठ कैसे करें?
स्वच्छ मन और शरीर से हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाकर श्रद्धा से पढ़ें।
क्या बजरंग बाण का पाठ घर में किया जा सकता है?
हां, इसे घर पर किया जा सकता है।
बजरंग बाण और हनुमान चालीसा में क्या अंतर है?
हनुमान चालीसा भगवान हनुमान की सामान्य स्तुति है, जबकि बजरंग बाण में हनुमान जी की शक्ति का आह्वान किया जाता है।
बजरंग बाण का पाठ किस समय करना चाहिए?
प्रातःकाल या संध्या समय सबसे अच्छा माना जाता है।
क्या बजरंग बाण से शत्रुओं का नाश होता है?
यह माना जाता है कि पाठ से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम होता है।
बजरंग बाण का पाठ करते समय क्या ध्यान रखना चाहिए?
मन को शांत रखें, पवित्रता का पालन करें, और श्रद्धा से पाठ करें।
क्या बजरंग बाण का पाठ केवल पुरुष कर सकते हैं?
नहीं, इसे स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।
क्या बजरंग बाण पढ़ने से डर समाप्त होता है?
हां, यह डर और अनिश्चितता को दूर करने में सहायक है।
क्या बजरंग बाण पढ़ने से आर्थिक संकट दूर होते हैं?
यह माना जाता है कि श्रद्धा से किया गया पाठ जीवन के सभी संकट दूर करता है।
बजरंग बाण पढ़ते समय किस रंग के वस्त्र पहनें?
सफेद या भगवा रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
क्या बजरंग बाण का पाठ उपवास के साथ करना चाहिए?
यह वैकल्पिक है, लेकिन उपवास के साथ इसे करना अधिक फलदायी माना जाता है।
क्या बजरंग बाण का पाठ विशेष परिस्थितियों में करना चाहिए?
हां, जब कोई बड़ा संकट हो, शत्रु बाधा हो, या मन में भय हो, तो इसे किया जा सकता है।
नमस्ते, मैं सिमरन, हिंदू प्राचीन इतिहास और संस्कृति की गहन अध्येता और लेखिका हूँ। मैंने इस क्षेत्र में वर्षों तक शोध किया है और अपने कार्यों के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किए हैं। मेरा उद्देश्य हिंदू धर्म के शास्त्रों, मंत्रों, और परंपराओं को प्रामाणिक और सरल तरीके से पाठकों तक पहुँचाना है। मेरे साथ जुड़ें और प्राचीन भारतीय ज्ञान की गहराई में उतरें।🚩🌸🙏