मेरे बांके बिहारी लाल

मेरे बांके बिहारी लाल भजन लिरिक्स

“मेरे बांके बिहारी लाल” भजन में भक्त भगवान श्रीकृष्ण से अपनी आत्मीयता प्रकट करते हुए उन्हें अपने जीवन का आधार बताते हैं। यह भजन उनके बाल स्वरूप, उनकी मोहक मुस्कान, और रासलीलाओं का गुणगान करता है। इसे सुनने या गाने से मन को शांति, प्रेम, और भक्ति की अनुभूति होती है।

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यह भजन भगवान कृष्ण की लीला, उनकी दयालुता और उनके भक्तों के प्रति उनके स्नेह को समर्पित है। इसे मंदिरों, सत्संगों, और धार्मिक आयोजनों में गाया जाता है।

मेरे बांके बिहारी लाल लीरिक्स 

मेरे बांके बिहारी लाल

बांके बिहारी लाल

मेरे बांके बिहारी लाल

तू इतना ना करिओ श्रृंगार

नजर लग जाएगी

नजर लग जाएगी

मेरे बांके बिहारी लाल

तू इतना ना करिओ श्रृंगार

नजर लग जाएगी

नजर लग जाएगी

मेरे बांके बिहारी लाल

तोरी सुरतिया पे मन मोरा अटका

प्यारा लागे तेरा पीला पटका

तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका

प्यारा लागे तेरा पीला पटका

तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका

प्यारा लागे तेरा पीला

तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल

तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार

नजर लग जाएगी

नजर लग जाएगी

मेरे बांके बिहारी लाल

तोरी मुरलिया पे मन मेरा अटका

प्यारा लागे तेरा नीला पटका

तोरी मुरलिया पे मन मेरा अटका

प्यारा लागे तेरा नीला पटका

तोरी मुरलिया पे मन मेरा अटका

प्यारा लागे तेरा नीला पटका

तोरे गुंगार वाले बाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार

नजर लग जाएगी

नजर लग जाएगी

मेरे बांके बिहारी लाल

तोरी कमरिया पे मन मोरा अटका

प्यारा लागे तेरा काला पटका

तोरी कमरिया पे मन मोरा अटका

प्यारा लागे तेरा काला पटका

तोरी कमरिया पे मन मोरा अटका

प्यारा लागे तेरा काला पटका

तेरे गल में वैजयंती माल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार

नजर लग जाएगी

नजर लग जाएगी

मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार

नजर लग जाएगी

मेरे बांके बिहारी लाल वीडियो 

मेरे बांके बिहारी लाल भजन का महत्व:

1. धार्मिक प्रेरणा:

इस भजन में भगवान के प्रति प्रेम और समर्पण का भाव है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति और आनंद प्रदान करता है।

2. मंदिरों में उपयोग:

यह भजन बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन में विशेष रूप से प्रसिद्ध है और नियमित रूप से गाया जाता है।

3. भावनात्मक जुड़ाव:

भजन भगवान श्रीकृष्ण के साथ भावनात्मक जुड़ाव को प्रगाढ़ करता है।

मेरे बांके बिहारी लाल भजन के प्रमुख भाव 

1. भगवान का स्वरूप:

भगवान श्रीकृष्ण के सौंदर्य और आकर्षण का वर्णन।

2. मुरली की महिमा:

उनकी मुरली की धुन से पूरे संसार को मोहित करने की क्षमता।

3. भक्ति का संदेश:

भक्तों का प्रेम, समर्पण, और उनके जीवन में भगवान की महत्ता।

मेरे बांके बिहार लाल” एक भजन है जो भगवान श्रीकृष्ण की महिमा और उनके अद्भुत स्वरूप का गुणगान करता है। इसमें भक्त अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए श्रीकृष्ण के बाल और युवावस्था के लीलाओं का वर्णन करते हैं। यह भजन मुख्य रूप से उनकी मुरलीधारी, रासलीला और भक्तों के प्रति उनकी दयालुता पर आधारित है।

इस भजन का उद्देश्य भक्तों के मन में भक्ति और प्रेम की भावना को जागृत करना है। यह भजन अक्सर कीर्तन, जागरण और धार्मिक आयोजनों में गाया जाता है, और इसे सुनकर भक्तजन अपने आराध्य के प्रति प्रेम और समर्पण अनुभव करते हैं।

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