नमस्कार, इस पृष्ठ पर कलयुग के परम चिरंजीवी श्री हनुमान जी पर लिखा गया महान हनुमान चालीसा प्रस्तुत किया जा रहा है। ये कलयुग में लिखी एक महान कृति है। आज के समय में हर किसी को हनुमान चालीसा पढ़ना आना चाहिए और दिल से याद होना चाहिए।
जीवन में कोई भी संकट या दुविधा आए तो यह हनुमान चालीसा हम सब की सहायता करता है। आपने देखा होगा फिल्मों में यह कहानियों में जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा डर जाता है तो वह हनुमान चालीसा का पाठ करता है।
इस पृष्ठ पर आपको श्री हनुमान चालीसा से जुड़ी और कई जानकारियां प्राप्त होगी जैसे हनुमान चालीसा लिरिक्स मीनिंग ,इसके फायदे एवं हनुमान चालीसा पाठ करने की सही विधि और उनके साथ-साथ हमने इस पृष्ठ पर आसानी से डाउनलोड होने लायक पीडीएफ भी प्रदान की है।हमारे इस पृष्ठ पर हनुमान जी से जुड़े और भी कई जानकारी प्रदान की गई हैं जैसे कि बजरंग बाण, संकट मोचन हनुमानअष्टक, हनुमान जी के १२ नाम, हनुमान श्लोक आदि की जानकारी के लिए यह क्लिक करे।
तो आइए आज हम इस हनुमान चालीसा के लिरिक्स और अर्थ को समझते है एवं याद करने का प्रयास करते हैं।
हनुमान चालीसा लीरिक्स और हिंदी में अर्थ
हम सबसे पहले हनुमान चालीसा के लिरिक्स हिंदी में पड़ेंगे एवं इसका अर्थ समझेंगे। तुलसी दस जी ने इस प्रकार से लिखी है मानो भक्त भगवान हनुमान से बातें कर रहा हो और कह रहा हो बोलो जय श्री राम।

दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥
अर्थ: मैं गुरु के चरण-कमलों की धूल से अपने मन रूपी दर्पण को स्वच्छ करता हूँ और श्री राम के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो जीवन के चारों फल (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) प्रदान करने वाले हैं।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥
अर्थ: मैं स्वयं को अज्ञानी जानकर पवनपुत्र हनुमान का स्मरण करता हूँ। मुझे बल, बुद्धि और ज्ञान प्रदान करें तथा मेरे क्लेश और अशुद्धियाँ दूर करें।
चौपाई
जय हनुमान् ज्ञान गुण सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक स्पर्श॥ 1॥
अर्थ: ज्ञान और गुण के सागर हनुमान की जय। तीनों लोकों में प्रसिद्ध वानरों के स्वामी की जय हो।
राम दूत अतुलित बल धामा।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥ 2॥
अर्थ: आप भगवान राम के दूत और अतुलनीय शक्ति के धाम हैं। आप अंजनी के पुत्र और पवन देवता के रूप में जाने जाते हैं।
महावीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥ 3॥
अर्थ: आप वीरता और निर्भीकता से परिपूर्ण महान वीर हैं। आप बुरे विचारों को दूर करते हैं और अच्छी बुद्धि को बढ़ावा देते हैं।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा॥ 4॥
अर्थ: आपका सुनहरा रंग सुन्दर पोशाक से सुशोभित है। आप बालियां पहनती हैं और आपके घुंघराले बाल हैं।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे।
कंधे मूंज जनेऊ साजे॥ 5॥
अर्थ: आपके हाथों में वज्र और ध्वज है। एक पवित्र धागा आपके कंधे को सुशोभित करता है।
संरा सुवन केसरी नंदा।
तेज प्रताप महा जग बंदन॥ 6॥
अर्थ: आप भगवान शिव के अवतार और केसरी के आनंद हैं। आपके महान पराक्रम का सारा विश्व वंदन करता है।
विद्यावान गुणी अति चतुर।
राम काज करिबे को आतुर॥ 7॥
अर्थ: आप ज्ञानी, गुणवान और अत्यंत बुद्धिमान हैं। आप भगवान राम के कार्यों को पूरा करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
रामलखन सीता मन बसिया॥ 8॥
अर्थ: आपको भगवान राम की कथाएँ सुनने में आनन्द आता है। राम, लक्ष्मण और सीता आपके हृदय में निवास करते हैं।
सूक्ष्म रूप धरि सियाहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥ 9॥
अर्थ: आप लघु रूप धारण करके सीता के समक्ष प्रकट हुए। आपने विकराल रूप धारण कर लंका को आग के हवाले कर दिया।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचन्द्र के काज संवारे॥ 10॥
अर्थ: आपने विशाल रूप धारण करके राक्षसों का विनाश किया और भगवान राम के कार्यों को पूरा किया।
लाय सजीवन लाखन जियाये।
श्री रघुबीर हरषि उर लाये॥ 11॥
अर्थ: आप संजीवनी बूटी लाए और लक्ष्मण को पुनर्जीवित कर दिया। श्री राम ने प्रसन्न होकर आपको गले लगा लिया।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम भरत प्रियहि सम भाई॥ 12॥
अर्थ: भगवान राम ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा कि आप उन्हें अपने भाई भरत के समान ही प्रिय हैं।
सहस बदन तुम्म्हरो जस गावे।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावे॥ 13॥
अर्थ: हजारों मुखों से शेषनाग आपकी महिमा गाते हैं। यह कहकर भगवान राम ने आपको गले लगा लिया।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनिसा।
नारद सारद सहित अहिसा॥ 14॥
अर्थ: सनक और अन्य ऋषि, ब्रह्मा और अन्य देवता, नारद, सरस्वती और शेष आपकी स्तुति गाते हैं।
जम कुबेर दिगपाल जहं ते।
कवि कोइ कहि सके कहाँ ते॥ 15॥
अर्थ: यम, कुबेर और दिशाओं के संरक्षक आपकी महिमा गाते हैं। कवि और विद्वान भी आपकी महानता का पूर्ण वर्णन नहीं कर सकते।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राजपद दीन्हा॥ 16॥
अर्थ: आपने सुग्रीव को भगवान राम से मिलवाकर उनकी मदद की, जिन्होंने फिर उसे राजा बनाया।
तुम्म्हरो मंत्र विभीषण माना।
लंकेश्वर भए सब जग जाना॥ 17॥
अर्थ: विभीषण ने आपकी सलाह मानी और लंका के राजा बने, जैसा कि पूरी दुनिया जानती है।
जुग सहस्त्र जोजन पर भानु।
लील्यो ताहि फल मधुरु जा॥ 18॥
अर्थ: तुमने हजारों मील दूर स्थित सूर्य को मीठा फल समझकर निगल लिया।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लंबी गई अचरज नहीं॥ 19॥
अर्थ: आपने भगवान राम की अंगूठी अपने मुंह में रखकर समुद्र को पार कर लिया; यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी.
दुर्गम काज जगत के जेते।
सहज अनुग्रह तुम्हरे तेते॥ 20॥
अर्थ: आपकी कृपा से संसार के सभी कठिन कार्य आसान हो जाते हैं।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥ 21॥
अर्थ: आप भगवान राम के निवास के द्वारपाल हैं। आपकी अनुमति के बिना कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता.
सब सुख लहै विवाह सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना॥ 22॥
अर्थ: जो आपकी शरण में आते हैं वे सभी सुख भोगते हैं। आपके रक्षक होने से उन्हें डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।
आपन तेज सम्हारो आपै।
त्रिलोक हांक तेन कपाई॥ 23॥
अर्थ: आप अकेले ही अपनी महान ऊर्जा को नियंत्रित कर सकते हैं। आपकी गर्जना से तीनों लोक कांप उठते हैं।
भूत पिशाच निकट नहीं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै॥ 24॥
अर्थ: आपका नाम जपने वालों के पास भूत-प्रेत नहीं फटकते।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरन्तर हनुमत बीरा॥ 25॥
अर्थ: जो लोग निरंतर हनुमान जी का नाम जपते हैं उनके रोग नष्ट हो जाते हैं और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
संकट तेन हनुमान् सिद्धांतवै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥ 26॥
अर्थ: हनुमान उन लोगों को कठिनाइयों से मुक्त करते हैं जो उन्हें मन, वचन और कर्म से याद करते हैं।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा॥ 27॥
अर्थ: भगवान राम परम तपस्वी राजा हैं और आपने उनके सभी कार्य पूर्ण किये।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै॥ 28॥
अर्थ: जो कोई भी आपके पास कोई भी इच्छा लेकर आता है, उसकी वह इच्छा हद से ज्यादा पूरी होती है।
चारो जुग परतापप्रिय।
परमसिद्ध जगत उजियारा॥ 29॥
अर्थ: आपकी महिमा चारों युगों में प्रसिद्ध है और आपके तेज से संसार प्रकाशित होता है।
साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे॥ 30॥
अर्थ: आप साधु-संतों के रक्षक और राक्षसों के संहारक हैं। आप भगवान राम के प्रिय हैं.
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता॥ 31॥
अर्थ: माता जानकी ने आपको आठ सिद्धियाँ और नौ निधियाँ प्रदान करने का वरदान दिया।
राम रसायन तुम्हारे पास।
सदा रहो रघुपति के दासा॥ 32॥
अर्थ: आपके पास भगवान राम की भक्ति का अमृत है और आप सदैव उनके सेवक बने रहेंगे।
तुम्हारे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुःख बिसरावै॥ 33॥
अर्थ: आपकी स्तुति गाने से भगवान राम की प्राप्ति होती है और कई जन्मों के कष्ट मिट जाते हैं।
अंतकाल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥ 34॥
अर्थ: जीवन के अंत में, व्यक्ति भगवान राम के निवास पर जाता है, और एक भक्त के रूप में पुनर्जन्म लेता है।
और देवता चित्त न धरै।
हनुमत सेई सर्व सुख करै॥ 35॥
अर्थ: भले ही व्यक्ति अन्य देवी-देवताओं पर ध्यान न दे, लेकिन हनुमान की पूजा करने से सभी सुख मिलते हैं।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥ 36॥
अर्थ: जो लोग बहादुर और शक्तिशाली हनुमान को याद करते हैं उनके संकट दूर हो जाते हैं और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
जय जय जय हनुमान् गोसाईं।
कृपा करहु गुरु देव की नैं॥ 37॥
अर्थ: हे हनुमान जी, आपकी जय हो, जय हो, जय हो! एक परम गुरु की भाँति हमें आशीर्वाद दीजिये।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होइ॥ 38॥
अर्थ: जो कोई इस हनुमान चालीसा को सौ बार पढ़ता है वह बंधन से मुक्त हो जाता है और महान सुख पाता है।
जो यह पढ़ें हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥ 39॥
अर्थ: जो कोई भी भगवान शिव को साक्षी मानकर इस हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसे सफलता प्राप्त होती है।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा ॥40॥
अर्थ: तुलसीदास, जो सदैव हरि के सेवक हैं, भगवान हनुमान से प्रार्थना करते हैं कि वे उनके हृदय में निवास करें।
दोहा
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूर्ति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।
अर्थ: पवन पुत्र, कठिनाइयों को दूर करने वाले, शुभता के अवतार, हे देवताओं के राजा, भगवान राम, लक्ष्मण और सीता के साथ मेरे हृदय में निवास करें।
सियावर रामचंद्र की जय
पवनसुत हनुमान की जय
उमापती महादेव की जय
बोलो भइ सब संतन की जय
श्री हनुमान चालीसा विडियो
ऊपर आपने हनुमान चालीसा के लिरिक्स पढ़ लिए हैं तो लिए इस पर रचित एक सुंदर वीडियो भी देखते हैं एवं इसे कैसे गाना है सुनते हैं।
हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे
वैसे तो इस चालीसा का पाठ करने के अनेकों फायदे हैं जिन्हें स्पष्ट पर बता पाना हमारे क्या किसी के लिए भी समझदारी नहीं है किंतु कुछ पाठकों के लिए हमने यहां हनुमान चालीसा के पाठ करने के सबसे महत्वपूर्ण फायदे प्रेषित किए हैं। जिनकी शुरुआत होती है:
- डर की समाप्ति: सबसे महत्वपूर्ण फायदा या लाभ इस चालीसा को पढ़ने का है कि यह आपके अंदर के डर को पूर्ण रूप से समाप्त कर देता है। यदि आप किसी भी प्रकार के जीव या मानसिक कल्पना की वजह से डरा हुआ एवं उदास फील करते हैं तो आप यह चालीसा डेली पढ़ने के पश्चात फायदा महसूस करेंगे।
- आध्यात्मिक बल: अगर आप किसी भी प्रकार से अपने आप से दुखी हैं या उदास महसूस करतें है तो आपको हनुमान चालीसा जरूरी पढ़नी चाहिए। इसका पाठ करने से आप अपनी आत्मा को को शक्तिशाली बना सकेंगे। हनुमान भगवान को बल, बुद्धि, और विद्या का दाता कहा जाता है और जो लोग हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन करते है उन्हें यह तीनों गुड़ अवश्य प्राप्त होते है। ऐसा माना जाता है कि यह व्यक्ति की आस्था और भक्ति को गहरा करता है, भगवान हनुमान और अन्य दिव्य शक्तियों के साथ घनिष्ठ संबंध को बढ़ावा देता है।
- रोग निपटारन: वैसे तो डॉक्टर या वैध हर तरह के रोग का इलाज जानते है पर अगर कोई मनुष्य मन से ही हार मान गया है तो ये डॉक्टर भी कुछ नहीं कर पाते है। ऐसे उस रोगी को हनुमान चालीसा का पाठ करने की सलाह देनी चाहिए। क्योंकि इससे मनुष्य की मन के रोगों का निवारण होता है। आप किसी भी पंडित या मनुष्य को नहीं पाएंगे जो रोजाना हनुमान पाठ करते हो और साथ में मन से रोगी हो।
- सुरक्षा: हनुमान चालीसा एक सुरक्षा कवच प्रदान करता है इसका पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा, बुरी आत्माएं और दुर्भाग्य दूर होते हैं। आपने बचपन से ही कई फिल्मों और नाटको में देखा होगा की जब को हीरो किसी बुरी शक्ति से डर जाता है तो हनुमान चालीसा का जाप करता है। और काफी हद तक यह सच है कि चालीसा पढ़ने से हुमें सुरक्षा महसूस होती है। है ना!
- साहस और शक्ति: भगवान हनुमान अपार शक्ति और साहस के प्रतीक हैं। चालीसा का जाप करने से भक्त में समान गुण उत्पन्न होते हैं, जिससे उन्हें डर और चुनौतियों पर काबू पाने में मदद मिलती है।
- स्वास्थ्य लाभ: आपको पता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से उत्पन्न होने वाली कंपन और सकारात्मक ऊर्जा मन और शरीर पर शांत प्रभाव डाल सकती है, जो पूरे शरीर के कल्याण में योगदान देती है। इससे मनुषय शरीर के प्रतेएक अंग पर प्रभाव पड़ता है। अभी कुछ वक़्त पहले एक इंस्तग्राम्मर बहुत प्रचलित हुआ था अंकित बनियापुर करके जो खूब कसरत करता और अंत में हनुमान चालीसा का पाठ करके ही रोज सोता। उसके शरीर से भी यह साफ जाहीर होता है की इस हनुमान चालीसा से सवास्थ्य को लाभ पाहुचता है।
- सफलता और समृद्धि: हनुमान चालीसा का जाप करने से व्यक्ति के मार्ग से बाधाएं दूर हो सकती हैं, जिससे व्यक्तिगत और व्यावसायिक प्रयासों में सफलता और समृद्धि मिलती है। उत्तरी भारत में आपने सुना होगा की ज़्यादातर दुकान दार अपनी दुकान में श्री हनुमान चालीसा का पाठ सप्ताह में एक बार तो जरूर करते है। वयवसाए में इस चालीसा का जाप बहुत फलदायक पाया जाता है।
- भक्ति अभ्यास: यह एक नियमित आध्यात्मिक अभ्यास के रूप में कार्य करता है जो व्यक्ति के भक्ति जीवन में अनुशासन, समर्पण और दिनचर्या की भावना को बढ़ाता है। और इस जाप का सबसे महत्वपूर्ण लाभ भी यही है कि भक्त इससे अनुशासन सीख जाते है। जो जीवन में सफलता के लिए अतयन्त जरूरी है।
श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने कि विधि
हनुमान चालीसा का पाठ करना एक पूजनीय अभ्यास है। इस भक्तिपूर्ण कार्य को करने की एक विशेष विधि है। आपको कई सारी बातों का ध्यान रखना होगा। आइए श्री हनुमान चालीसा पढ़ने की सही विधि सीखते है।
- तैयारी:
- स्वयं को शुद्ध करें: स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
- सफाई करें: सुनिश्चित करें कि जिस स्थान पर आप हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे वह साफ हो।
- भगवान हनुमान जी की स्थापना:
- हनुमान जी की स्थापना: भगवान हनुमान की तस्वीर या मूर्ति को किसी टेबल तख्त पर स्थापित करें।
- अर्पण: फूल, फल, अगरबत्ती और एक छोटा दीपक (दीया) जैसे प्रसाद की व्यवस्था करें।
- प्रार्थना और आह्वान:
- दीपक और धूपबत्ती: दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- प्राणायाम और ध्यान: आराम से बैठें, अपनी आँखें बंद करें और अपने मन को शांत करने के लिए कुछ मिनट गहरी साँस लें या ध्यान करें।
- भगवान हनुमान का आह्वान करें: भगवान हनुमान को अपनी प्रार्थनाएँ अर्पित करें और उनका आशीर्वाद लें।
- हनुमान चालीसा का पाठ:
- शुरू करें: प्रारंभिक प्रार्थना या आह्वान से शुरू करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें: भक्ति और एकाग्रता के साथ हनुमान चालीसा का जाप करें। प्रत्येक श्लोक का अर्थ समझते हुए इसे धीरे-धीरे पढ़ना सबसे अच्छा है।
- समापन प्रार्थना: हनुमान चालीसा समाप्त करने के बाद, भगवान हनुमान को उनके आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देते हुए समापन प्रार्थना करें।
- आरती और अर्पण:
- आरती करें: चालीसा खतम करने के बाद भगवान हनुमान की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाते हुए हनुमान आरती गाएँ या पढ़ें।
- प्रसाद बाँटें: भगवान हनुमान को फल और अन्य प्रसाद चढ़ाएँ और फिर उन्हें परिवार के सदस्यों या दोस्तों में प्रसाद के रूप में बाँटें।
- नियमित अभ्यास:
- निरंतरता: हनुमान चालीसा का पाठ करने का नियमित अभ्यास करें, अधिमानतः हर दिन एक ही समय पर।
बढ़ी हुई भक्ति के लिए सुझाव:
- सुबह-सुबह पाठ: हनुमान चालीसा का पाठ करने का सबसे अच्छा समय सुबह-सुबह (ब्रह्म मुहूर्त) या शाम का होता है।
- समूह पाठ: परिवार या दोस्तों के साथ समूह में हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तिमय माहौल बढ़ता है।
- उपवास: आप चाहे तो मंगलवार या शनिवार को उपवास भी रख सकतें हैं, जो हनुमान पूजा के लिए शुभ दिन माना जाता है।
Jai Hanuman Chalisa PDF
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FAQs – हनुमान चालीसा से जुड़े सवाल एवं उनके जवाब
क्या लड़कियां हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं?
हाँ, लड़की हो लड़का कोई भी इस जाप को पढ़ सकता है एवं भगवान हनुमान जी की भक्ति कर सकता है। भगवान अपने भक्तो में भेदभाव नही करते।
क्या बिना नहाए हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं?
हनुमान चालीसा को पढ़ने के ऐसे कोई कठोर नियम नहीं बनाए गए है तो हाँ आप इसे बिना नहाये भी पढ़ सकते है बस आपका मन साफ होना चाहिए। फिर भी भगवान की पुजा नहा धो कर साफ सफाई के साथ साफ मन से ही करनी चाहिए।
शाम को हनुमान चालीसा कितने बजे पढ़ना चाहिए?
शाम को चंद्र उदयों के बाद इसे पढ्न सबसे सही समय माना जाता है।
एक दिन में कितनी बार हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए?
आप हनुमान चालीसा एक दिन में कितनी भी पढ़ सकते है पर अगर आप एक से ज्यादा पढ्न ही चाहते है तो पंडितो के अनुसार इसे प्रतिदिन 7, 11, और 21 बार तक पढ़ा जा सकता है।
हनुमान चालीसा कब नहीं पढ़ना चाहिए?
पराई स्त्री को गलत नज़र से देखने वालो के लिए इसे पढ़ने का कोई भी समय सही नही है। बाकी लोगो के लिए इसकी कोई मनाई नही है की कब पढे और कब न पढे। आप इसे कभी भी पढ़ सकते हो।
हनुमान चालीसा कितने दिन में लिखी गयी थी ?
इसका एकदम सही जवाब किसी को नहीं मालूम पर माना जाता है की तुलसीदास जी ने इसे अकबर के कैद में लिखना प्रारम्भ किया था और पूरे 2 साल 7 माह और 26 दिन में समाप्त किया था।
हनुमान चालीसा को किसने और कब लिखा?
इसे 16वी शताब्दी में तुलसीदास जी (उस समय के मशहूर कवि) ने रामचरित मानस के साथ साथ लिखा था
हनुमान चालीसा पढ़ते समय कौन सा फूल चढ़ाना चाहिए?
हनुमान भगवान को लाल एवं पीले रंग के फूल चड़ाये जाते है जैसे गुलाब, गेंदा, कमल, या गुड़हल के फूल आदि।
हनुमान चालीसा कब पढ़नी चाहिए?
हनुमान चालीसा तो दिन के किसी भी वक़्त पढ़ा जा सकता है। पर हनुमान भगवान के परम भक्त इसे प्रात: नहा धो कर खाली पेट पढ्न पसंद करते है। और दिन मंगलवार और शनिवार को शाम की आरती के समय भी पढ्न चाहिए।
हनुमान चालीसा क्या है?
तुलसीदास द्वारा रचित एक लोकप्रिय भक्ति भजन, जिसमें हनुमान जी के गुणों की प्रशंसा की गई है और उनका आशीर्वाद मांगा गया है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से शक्ति, सुरक्षा और शांति मिलती है।
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नमस्ते, मैं सिमरन, हिंदू प्राचीन इतिहास और संस्कृति की गहन अध्येता और लेखिका हूँ। मैंने इस क्षेत्र में वर्षों तक शोध किया है और अपने कार्यों के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किए हैं। मेरा उद्देश्य हिंदू धर्म के शास्त्रों, मंत्रों, और परंपराओं को प्रामाणिक और सरल तरीके से पाठकों तक पहुँचाना है। मेरे साथ जुड़ें और प्राचीन भारतीय ज्ञान की गहराई में उतरें।🚩🌸🙏