नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूप और उनकी पूजा विधि हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र पर्वों में से एक है। साल में चार नवरात्रि होती हैं, जिनमें से चैत्र और शारदीय नवरात्रि सबसे प्रमुख मानी जाती हैं। इस दौरान भक्त माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करते हैं। हर दिन माँ के एक अलग रूप की पूजा होती है और प्रत्येक रूप का महत्व अलग-अलग है।
आइए विस्तार से जानते हैं –
🌸 1. शैलपुत्री माता (पहला दिन)
- यह पर्वत राजा हिमालय की पुत्री हैं।
- माता शैलपुत्री के हाथ में त्रिशूल और कमल होता है, उनके वाहन नंदी बैल हैं।
- इन्हें शक्ति, धैर्य और साहस की देवी माना जाता है।
- पूजा विधि: पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। शुद्ध घी से दीपक जलाकर माता की पूजा करें।
🌸 2. ब्रह्मचारिणी माता (दूसरा दिन)
- ये तपस्या और संयम की देवी हैं।
- माता के दाहिने हाथ में जपमाला और बाएं हाथ में कमंडल होता है।
- इन्हें विद्या, ज्ञान और भक्ति की प्रतीक माना जाता है।
- पूजा विधि: दूसरे दिन माता को मिश्री और पंचामृत का भोग लगाया जाता है।
🌸 3. चंद्रघंटा माता (तीसरा दिन)
- इनके माथे पर अर्धचंद्र है और इनके गले में घंटी की तरह स्वरूप दिखता है।
- इन्हें शांति, साहस और विजय की देवी कहा गया है।
- पूजा विधि: इस दिन दूध और मिठाई का भोग लगाकर माता को प्रसन्न किया जाता है।
🌸 4. कूष्मांडा माता (चौथा दिन)
- इन्हें ब्रह्मांड सृष्टि की जननी कहा जाता है।
- माता कूष्मांडा की आठ भुजाएँ होती हैं, जिनमें अलग-अलग अस्त्र-शस्त्र और कमल होते हैं।
- पूजा विधि: मालपुए या मीठे पकवान का भोग अर्पित करें।
🌸 5. स्कंदमाता (पाँचवाँ दिन)
- ये भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं।
- इनके गोद में कार्तिकेय विराजमान रहते हैं।
- पूजा विधि: इस दिन केले का भोग लगाकर माँ को प्रसन्न किया जाता है।
🌸 6. कात्यायनी माता (छठा दिन)
- ये महिषासुर मर्दिनी कहलाती हैं।
- माता कात्यायनी सिंह पर सवार रहती हैं और हाथों में तलवार लिए होती हैं।
- पूजा विधि: इस दिन शहद का भोग चढ़ाने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
🌸 7. कालरात्रि माता (सातवाँ दिन)
- ये माता का उग्र रूप है, जिन्हें असुरों के संहारक के रूप में पूजा जाता है।
- इनका वाहन गधा है और शरीर काला है।
- पूजा विधि: गुड़ का भोग लगाकर और नीले फूल चढ़ाकर माता को प्रसन्न किया जाता है।
🌸 8. महागौरी माता (आठवाँ दिन)
- इन्हें श्वेत वस्त्र धारण किए हुए, उज्ज्वल आभा वाली देवी माना जाता है।
- महागौरी पवित्रता और वैवाहिक सुख की देवी हैं।
- पूजा विधि: इस दिन नारियल और हलवा-पूरी का भोग लगाया जाता है।
🌸 9. सिद्धिदात्री माता (नवाँ दिन)
- ये सभी सिद्धियों की देवी हैं।
- माता सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान रहती हैं और चार भुजाएँ धारण करती हैं।
- पूजा विधि: इस दिन तिल का भोग लगाकर माँ की आराधना की जाती है।
🙏 नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा विधि
- नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करें।
- रोज सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनकर देवी की पूजा करें।
- हर दिन के अनुसार देवी को भोग अर्पित करें।
- दुर्गा सप्तशती या देवी माँ के मंत्रों का पाठ करें।
- अखंड ज्योति जलाना शुभ माना जाता है।
- कन्याओं को भोजन कराना और भेंट देना विशेष फलदायी है।
🎯 निष्कर्ष
नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूप और उनकी पूजा विधि का पालन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सफलता और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। हर देवी का अपना महत्व है और श्रद्धापूर्वक पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
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